सोशल मीडिया पर दो तरह के लोग सक्रिय हैं। एक वे जो लिखते हैं और दूसरे जो बकते हैं। लिखने वाले लोग अच्छा भी लिखते हैं और बुरा भी। लेकिन बकने वाले लोग बस बकते हैं। और जो वे बकते हैं वे अपने से असहमत लोगों से बहुत ‘मधुरता’ से संवाद करते हैं। ऐसी मधुरता कि आप ‘सुन्न’ हो जाएं। यहां सबसे ज्यादा स्थान ‘मां और बहन’ को दिया जाता है।
नारी पूजक देश में सारी गालियां महिलाओं के नाम पर ही क्यों हैं?
- विचार
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- 5 Jun, 2021

सोशल मीडिया पर दो तरह के लोग सक्रिय हैं। एक वे जो लिखते हैं और दूसरे जो बकते हैं। लिखने वाले लोग अच्छा भी लिखते हैं और बुरा भी। लेकिन बकने वाले लोग बस बकते हैं।
अब कोई कहे कि जिस देश में महिलाओं को संसद में सिर्फ 30 फीसदी आरक्षण दिलाने के लिए तीन दशक से लड़ाई चल रही हो, जो आज तक इस मुद्दे पर सहमति हासिल न कर पाने के कारण नाकाम रही हो, वहां क्या यह आश्चर्य नहीं है कि बकने वाले ये लोग मां और बहनों को इतना स्थान दे रहे हैं!