पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के ऐन वक़्त पर 75 साल पहले यानी 1946 में हुए हिन्दू-मुसलिम दंगों को याद करने और उन्हें भुनाने की कोशिशें की जा रही हैं। बीजेपी के आधिकारिक प्रचार माध्यम से तो कुछ नहीं कहा जा रहा है, लेकिन इससे जुड़े लोग और इसकी साइबर आर्मी के लोग वॉट्सऐप, ट्विटर और फ़ेसबुक पर प्रचार चला रहे हैं कि यदि मुसलमान या उनसे सहानुभूति रखने वाले सत्ता में आए तो ठीक वैसा ही होगा, जैसा 1946 में हुआ था।