नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के ख़िलाफ़ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। देश-दुनिया के तमाम राजनीतिक विश्लेषक और राजनीति को थोड़ा भी समझने वाले आम लोग भी इस बात को जानते थे कि सरकार पर्याप्त बहुमत में है और इसलिए इसके अस्तित्व को लेकर कोई ख़तरा नहीं है। इसके बाद भी विपक्ष द्वारा यह प्रस्ताव लाया जाना इस बात का स्पष्ट संकेत था कि यह प्रस्ताव सरकार को गिराने के लिए नहीं बल्कि इसे ‘जगाने’ के लिए लाया गया था। यह बात विपक्ष की ओर से उत्तर-पूर्व से आने वाले कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी स्पष्ट कर दी थी।
जारी है… पीएम मोदी के खिलाफ ‘अविश्वास प्रस्ताव’!
- विमर्श
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- 29 Mar, 2025

संसद में प्रधानमंत्री के भाषण के बाद मणिपुर को लेकर देश में निराशा का माहौल बरकरार है। स्तंभकार वंदिता मिश्रा का कहना है कि कॉंग्रेस का भूत और प्रधानमंत्री के अपने व्यक्तिगत सपनों का भविष्य उनका पीछा छोड़ने को तैयार नहीं हैं।