जून के आख़िरी सप्ताह में भारत के मुख्य न्यायधीश एन.वी. रमना फिलाडेल्फिया, संयुक्त राज्य अमेरिका के इंडिपेंडेन्स हॉल में भ्रमण पर थे। यह वही इंडिपेंडेन्स हॉल है जहाँ 1776 में सेकेंड कॉन्टिनेन्टल कॉंग्रेस ने ‘आजादी के घोषणापत्र’ पर हस्ताक्षर किए। इसी हॉल में आने वाले 11 सालों बाद अमेरिका के संविधान का निर्माण किया गया। इस ऐतिहासिक स्थान पर पहुँचने के बाद न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि ‘हम सभी दुनिया के नागरिकों के लिए, स्वच्छंदता, स्वतंत्रता व लोकतंत्र को बनाए रखने और आगे बढ़ाने के लिए अथक प्रयास करना ज़रूरी है, जिसके लिए हमारे पूर्वजों ने लड़ाई लड़ी है। यही एकमात्र श्रद्धांजलि है जो उनके बलिदान के योग्य है।’
आलोचना बेखौफ होकर करते रहेंगे तो लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा!
- विमर्श
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- 3 Jul, 2022

लोकतंत्र के लिए सबसे ज़रूरी क्या है? क्या सत्ता को बेलगाम छोड़ा जा सकता है और आलोचनाओं पर पाबंदी लगाई जा सकती है? जानिए, सीजेआई एनवी रमना क्या कहते हैं।
न्यायमूर्ति रमना के शब्दों से साफ़ है कि देश की सर्वोच्च न्यायिक कुर्सी पर बैठने वाला व्यक्ति यह चाहता है और महसूस करता है कि पूरी दुनिया के लोगों को लगातार क्षरित हो रहे मूल्यों- स्वच्छंदता, स्वतंत्रता व लोकतंत्र- को बनाए रखने के लिए जी-जान से कोशिश करनी चाहिए।