दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ चुनाव में उतारने की घोषणा के साथ ही साध्वी प्रज्ञा सिंह एक बार फिर ख़बरों में हैं। साध्वी को स्वास्थ कारणों से जमानत मिली है। क्या रद्द होनी चाहिए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की जमानत? देखिए वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष क्या कहते हैं।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।