यूपी में पहले भी एनकाउंटर होते रहे हैं। यूपी के लिए यह नई बात नहीं है। किसी जमाने में यूपी में जब वीपी सिंह मुख्यमंत्री थे तो उस समय भी एनकाउंटर की लहर चली थी जिसके तहत तमाम डाकुओं को ठिकाने लगाया जा रहा था। ठीक वैसी ही कुछ झलक अब योगी राज में देखने को मिल रही है और एनकाउंटर को योगी स्टाइल इंसाफ बताया जा रहा है। मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ ने जब पहली बार सत्ता संभाली, गैंगस्टर अतीक अहमद के 19 वर्षीय बेटे असद अहमद और उसके सहयोगी की हत्या एनकाउंटर नंबर 183 है।