योगी मंत्रिमंडल का आख़िरकार विस्तार हो ही गया। सरकार बनने के 29 महीने बाद हुए इस पहले विस्तार में कुल 23 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई जिनमें छह कैबिनेट व छह स्वतंत्र प्रभार के मंत्री शामिल हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में संघ से लेकर बीजेपी संगठन और केंद्रीय नेतृत्व तक का ज़ोर जातीय समीकरण साधने पर ही रहा, भले ही इसके चलते बड़े नामों को दरकिनार करना पड़े। संघ की पसंद को भी तरजीह दी गई है।
योगी मंत्रिमंडल विस्तार में बड़े नाम नहीं, जाति-क्षेत्र का संतुलन साधा
- उत्तर प्रदेश
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- 21 Aug, 2019

योगी मंत्रिमंडल के विस्तार में संघ से लेकर बीजेपी संगठन और केंद्रीय नेतृत्व तक का ज़ोर जातीय समीकरण साधने पर ही रहा, भले ही इसके चलते बड़े नामों को दरकिनार करना पड़े।
भविष्य की राजनीति को साधने के लिए जहाँ 23 में से 10 मंत्री दलित व पिछड़े वर्ग से बनाए गए हैं, वहीं सवर्ण जातियों में सबसे ज़्यादा 6 ब्राह्म्णों को विस्तार में जगह मिली है। क्षत्रिय समुदाय से 4 जबकि, वैश्य बिरादरी से 3 लोगों को शामिल किया गया है।