योगी आदित्यनाथ 25 मार्च को एक बार फिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह लखनऊ के इकाना स्टेडियम में होगा। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई और बड़े नेता शामिल हो सकते हैं।
बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और वहां के तमाम आला नेता भी शपथ ग्रहण समारोह का हिस्सा बन सकते हैं। समारोह के लिए प्रशासन ने बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं।
उत्तर प्रदेश में 37 साल बाद ऐसा हुआ है, जब किसी राजनीतिक दल ने सत्ता में लगातार वापसी की है। बीजेपी को विधानसभा चुनाव में जोरदार जीत मिली है और उसने 403 सदस्यों वाली विधानसभा में 255 सीटें अपने दम पर हासिल की हैं। जबकि उसके सहयोगी दलों अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी को 18 सीटों पर जीत मिली है।
योगी आदित्यनाथ ने इस बार अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और उन्हें एक लाख से ज्यादा मतों से जीत हासिल हुई है। इससे पहले वह विधान परिषद के सदस्य थे।
योगी आदित्यनाथ को मंगलवार को बीजेपी विधायक दल का नेता चुना जाएगा और इसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुबर दास मौजूद रहेंगे।
हालांकि अभी यह नहीं पता चला है कि योगी आदित्यनाथ के साथ क्या कुछ मंत्री भी शपथ लेंगे। योगी कैबिनेट में कितने नेताओं को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा या किन विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी, इसे लेकर खुद योगी आदित्यनाथ दो बार दिल्ली आ चुके हैं और केंद्रीय नेतृत्व के साथ उनकी लंबी चर्चा हुई है।
कौन होगा नंबर दो?
चूंकि केशव प्रसाद मौर्य चुनाव हार गए हैं। इसलिए योगी कैबिनेट में नंबर दो कौन होगा यह एक बड़ा सवाल है।
केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश बीजेपी के बड़े नेता हैं। 2017 में जब वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे तब उसे प्रचंड बहुमत मिला था। मौर्य उस वक्त मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में आगे थे लेकिन पार्टी ने योगी आदित्यनाथ के नाम पर मुहर लगाई थी।
चुनाव जीतने के बाद केशव प्रसाद मौर्य के लिए उप मुख्यमंत्री बनना आसान होता लेकिन अपनी सीट सिराथू से हार जाने के बाद उनके लिए इस पद की दावेदारी करना थोड़ा मुश्किल जरूर हो गया है।
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