प्रयागराज कुंभ में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की धर्म संसद के दूसरे दिन शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। दूसरे दिन सर संघचालक मोहन भागवत का भाषण ख़त्म होते ही मंच के नीचे मौजूद साधु-संतों ने अयोध्या में राम मंदिर की तारीख़ बताने की माँग को लेकर नारेबाज़ी शुरू कर दी।
मंच के नीचे से संतों ने आवाज़ उठाई कि राम मंदिर का निर्माण कब से शुरू होगा, इसकी तारीख़ बताइए। देखते ही देखते कई साधु-संत और श्रद्धालु धर्मसभा में खड़े होकर और आगे पहुँचकर मंदिर निर्माण की तारीख़ जारी करने की माँग करने लगे।
नोक-झोंक, झड़प भी हुई
वीएचपी, आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने साधु-संतों और श्रद्धालुओं को नारेबाज़ी करने से रोकने की कोशिश की। इस दौरान उनके बीच तीखी नोक-झोंक और झड़प भी हुई। आपको बता दें कि प्रयागराज कुंभ में गुरुवार से धर्मसंसद की शुरुआत हई थी। धर्म संसद के पहले दिन जहाँ सबरीमला मंदिर मुद्दा और हिंदू समाज के विभाजन का षड्यंत्र रोकने के लिए आंदोलन करने का प्रस्ताव पास हुआ था। वहीं, दूसरे दिन अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर चर्चा के बाद प्रस्ताव पास होना था।
धर्म संसद के दूसरे दिन यह प्रस्ताव पास किया गया कि राम मंदिर के निर्माण के लिए साधु-संत 2 फ़रवरी को कुंभ मेले में गंगा किनारे भजन-कीर्तन करेंगे। साथ ही 6 अप्रैल को देश भर में लोग भजन कर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ़ करने के लिए भगवान से प्रार्थना करेंगे। इस प्रस्ताव के पास होने की घोषणा होते ही धर्म सभा में बैठे कई साधु-संत और श्रद्धालु वहीं खड़े होकर मंदिर निर्माण की तारीख़ बताने की माँग करते हुए हल्ला मचाने लगे।
वीएचपी, आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने साधु और श्रद्धालुओं के साथ अभद्रता की और नारेबाज़ी करने वाले श्रद्धालुओं को धक्का देकर बाहर करने में जुट गए। हालाँकि बाद में मंच से भी जल्द ही राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ़ होने की बातें बोली गईं।
वीएचपी, आरएसएस बीजेपी के एजेंट
धर्मसंसद में विरोध का बिगुल बजाने वाले संतों और श्रद्धालुओं का साफ़ कहना है कि वीएचपी और आरएसएस बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है। कुंभ मेले से राम मंदिर निर्माण को लेकर कोई बड़ी घोषणाा करने की बात कही जा रही थी। धर्म संसद के नाम पर बुलाकर वही पुराना राग अलापा जा रहा है जिसको लेकर लोगों ने धर्म सभा में अपनी आवाज़ बुलंद की है।
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