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इलाहाबाद विश्वविद्यालय: फायरिंग, आगजनी में कई घायल

पूरब का ऑक्‍सफॉर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सोमवार को जबरदस्त बवाल हुआ। इस दौरान आगजनी और फायरिंग की घटना हुई। छात्रों की सुरक्षा गार्ड्स के साथ झड़प हुई जिसमें कई लोग घायल हो गए। छात्रों पर वाहनों में तोड़फोड़ करने, फायरिंग करने और कैंपस के अंदर पत्थरबाजी करने का आरोप लगा है। जबकि छात्रों का आरोप है कि सुरक्षा गार्ड्स ने छात्रों को पीटा।

हालात को देखते हुए मंगलवार को विश्वविद्यालय में कक्षाएं नहीं लगेंगी।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

यह विवाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता विवेकानंद पाठक की सुरक्षा गार्ड्स के साथ बहस के बाद शुरू हुआ। विवेकानंद पाठक ने कहा कि उन्हें कैंपस में स्थित बैंक में केवाईसी का काम था, लेकिन यूनिवर्सिटी के सुरक्षा गार्ड्स ने उन्हें अंदर नहीं आने दिया और उनके साथ बदतमीजी की। 

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द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जब विवेकानंद पाठक को विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया गया तो उनके समर्थकों और सुरक्षा गार्ड्स के बीच झड़प शुरू हो गई और इसके बाद सुरक्षा गार्ड्स और छात्र आमने-सामने आ गए। 

झड़प के दौरान विवेकानंद पाठक भी घायल हुए हैं। वह उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव हैं और पूर्व में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से जुड़े रहे हैं। 

छात्र नेता अजय यादव ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि विवेकानंद पाठक और सुरक्षा गार्ड्स के बीच हुआ विवाद सुलझ गया था। लेकिन 3 बजे लगभग 100 सुरक्षा गार्ड्स कैंपस में स्थित छात्र संघ भवन के पास इकट्ठा हो गए। उनके हाथों में डंडे थे। उन्होंने छात्रों पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया और फायरिंग भी की। इससे छात्र दहशत में आ गए लेकिन वे भी आक्रामक हो गए। यादव ने बताया कि छात्रों को बुरी तरह पीटा गया और इस वजह से कई छात्र घायल हो गए। 

अजय यादव ने कहा कि अगर इस मामले में सुरक्षा गार्ड्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो हम मंगलवार से उग्र आंदोलन करेंगे।  

बता दें कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पिछले कई महीनों से बढ़ी हुई फीस वापस लेने और छात्र संघ चुनाव की बहाली की मांग को लेकर छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं।

एफआईआर दर्ज

विवेकानंद पाठक की शिकायत पर पुलिस ने सुरक्षा गार्ड्स के खिलाफ दंगा करने, हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश रचने सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है। 

क्या कहना है विश्वविद्यालय प्रशासन का?

विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक, विवेकानंद पाठक और उनके साथियों ने कैंपस में हंगामा किया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि विवेकानंद पाठक के अलावा सत्यम कुशवाहा, अजय सिंह, आशुतोष पटेल उर्फ राहुल पटेल, हरेंद्र यादव, अभिषेक यादव, नीरज प्रताप सिंह और कई अन्य सैकड़ों अज्ञात उपद्रवी तत्वों ने विश्वविद्यालय कैंपस में बवाल किया, वाहनों में तोड़फोड़ की और पथराव किया। पथराव में कई सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। 

Violence At Allahabad University Vivekananda Pathak - Satya Hindi
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि विवेकानंद पाठक कुछ असामाजिक तत्वों के साथ विश्वविद्यालय में पहुंचे और उन्होंने छात्र संघ भवन के नजदीक स्थित गेट का ताला तोड़ दिया और सुरक्षाकर्मी को थप्पड़ मारा। पाठक के साथ मौजूद लोगों ने सुरक्षाकर्मियों से हाथापाई की और पार्किंग में खड़े वाहनों में तोड़फोड़ की और इनमें आग लगा दी। उन्होंने विश्वविद्यालय की कैंटीन में भी आग लगा दी। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि पूरे नुकसान का आकलन किया जा रहा है। 

प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हालात काबू में हैं और अभी तक सुरक्षा गार्ड्स की तरफ से कोई शिकायत नहीं की गई है। घटना की पड़ताल के लिए सीसीटीवी फुटेज को देखा जा रहा है और इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

इस पूरे हंगामे और बवाल की तमाम तस्वीरें भी सामने आई हैं जिनसे पता चलता है कि विश्वविद्यालय परिसर के अंदर जमकर पथराव हुआ है। 

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विश्वविद्यालय के छात्र संघ भवन के गेट पर ताला लटका होने को लेकर कई बार पहले भी अच्छा-खासा विवाद हो चुका है। छात्र नेता विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव कराने और फीस वृद्धि वापस लेने की मांग को लेकर पिछले चार-पांच महीने से आंदोलन कर रहे हैं। इसे लेकर प्रदर्शनकारी छात्रों पर मुकदमे भी दर्ज हुए हैं और इसे लेकर छात्रों में आक्रोश दिखाई देता है। 

गिरफ्तारी में जुटी पुलिस

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बवाल होने के बाद पुलिस गिरफ्तारी के काम में जुट गई है। पुलिस के साथ ही एलआईयू की टीम भी तमाम जानकारी जुटा रही है। पुलिस ऐसे लोगों को तलाश कर रही है जिन्होंने माहौल को खराब करने की कोशिश की और इसके लिए सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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