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सिपाही भर्ती परीक्षा रद्द, पेपर लीक का केंद्र बना यूपी, युवक सड़कों पर

यूपी सरकार ने शनिवार 24 फरवरी को यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा रद्द कर दी। यह परीक्षा 17-18 फरवरी को हुई थी। राज्य में युवकों ने पेपर लीक के खिलाफ 19 फरवरी से ही प्रदर्शन शुरू कर दिया था। जब इस मसले को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने 23 फरवरी को उठाया तो सरकार ने शनिवार को यह घोषणा कर दी। सरकार ने कहा कि पेपर लीक के आरोपों की जांच एसटीएफ करेगी। 
अब दोबारा परीक्षा अगले छह महीने के दौरान आयोजित की जाएगी। दोबारा परीक्षा की तारीख अभी घोषित नहीं की गई है। सरकार की परीक्षा रद्द करने की घोषणा उन युवकों के साथ खिलवाड़ है जो पिछले एक साल से परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। अब उन्हें सारी तैयारी फिर से करना पड़ेगी और सरकार किसी नई तारीख को फिर से घोषित करेगी। जबकि परीक्षा देने वाले युवकों की मांग है कि यही परीक्षा फिर से आयोजित की जाए। यानी सारी प्रक्रिया फिर से करने की जरूरत नहीं है। 

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर कहा, ''आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर चयन के लिए आयोजित परीक्षा-2023 को रद्द करने और अगले छह महीने के भीतर दोबारा परीक्षा आयोजित करने के आदेश दिए गए हैं।'' मुख्यमंत्री ने कहा-  "युवाओं की मेहनत से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे उपद्रवी तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होना तय है।"

पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में कथित तौर पर अनुचित साधन अपनाने या अपनाने की योजना बनाने के आरोप में पिछले तीन दिनों में पूरे उत्तर प्रदेश में पुलिस ने 244 लोगों को या तो गिरफ्तार किया है या हिरासत में लिया है। राज्य पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ये गिरफ्तारियां या हिरासत 15 फरवरी से 18 फरवरी शाम 6 बजे तक की गईं। ये गिरफ्तारियां और हिरासतें जिला पुलिस और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की इकाइयों द्वारा स्थानीय खुफिया जानकारी की मदद से की गईं।

उत्तर प्रदेश पुलिस प्रमुख प्रशांत कुमार ने कहा, "गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनसे पूछताछ की जा रही है। (परीक्षा में) अनुचित साधन अपनाने में शामिल लोगों और गिरोहों को पकड़ा जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।" 

यह सरकारी घोषणाएं तभी की गई जब 19 फरवरी से युवकों ने पेपर लीक के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन शुरू किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 23 फरवरी को यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक पर पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया। राहुल गांधी ने कहा कि लखनऊ से लेकर प्रयागराज तक यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक को लेकर युवा सड़कों पर हैं और वहां से महज 100 किलोमीटर दूर वाराणसी में प्रधानमंत्री युवाओं के नाम पर युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने 24 फरवरी को कहा-  युवाओं की ताकत के सामने सरकार को झुकना पड़ा, यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द हो गई। कल तक सरकार में बैठे लोग पेपर लीक को झुठलाने की कोशिश में बयानबाजी कर रहे थे। जब युवाओं की शक्ति के सामने इनका झूठ नहीं टिका तो आज परीक्षा रद्द कर दी। यूपी में हर परीक्षा का पेपर लीक होना भाजपा सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार का सबूत तो है ही, उससे ज्यादा गंभीर है सरकार का बेपरवाह और भटकाऊ रवैया। पहले माना ही नहीं कि पेपर लीक हुआ। फिर छात्रों और अध्यापकों को धमकाने-डराने की कोशिश की, भ्रम फैलाने वाली बयानबाजी की। नतीजा ये है कि पेपर लीक करने वाले सरगना आजाद घूम रहे हैं। पूरा घटनाक्रम ये दिखाता है कि भाजपा सरकार युवाओं के भविष्य के प्रति नहीं, बल्कि अपनी छवि और परीक्षा माफिया को बचाने के प्रति गंभीर है। सरकार जल्द से जल्द नई तारीख की घोषणा करे और सुनिश्चित करे कि इस बार पेपर लीक नहीं होगा।

इससे पहले यूपी के एक बेरोजगार युवक ने 23 फरवरी को तंग आकर खुदकुशी कर ली थी। कांग्रेस पार्टी और प्रियंका ने अलग-अलग इस खुदकुशी की घटना पर शुक्रवार को लिखा था- एक तरफ पेपर लीक और भर्तियों में भ्रष्टाचार से त्रस्त प्रदेश के युवा सड़क पर हैं। दूसरी ओर, बेरोजगारी से निराश युवा जान दे रहे हैं। यह बेहद चिंताजनक है। मैं देश के युवाओं से अपील करती हूं कि निराश होकर अपनी जिंदगी खत्म करने की जगह उस भ्रष्ट सरकार को उखाड़ फेंकें जो आपके साथ अन्याय कर रही है। आइए मिलकर इस अन्याय के खिलाफ लड़ें, न्याय का हक मिलने तक।

परीक्षाओं के सभी फॉर्म मुफ्त होंः कांग्रेस

हाल ही में यूपी सरकार ने इस मुद्दे पर राज्य विधानसभा में एक विधेयक पेश किया, जिसमें पेपर लीक करने वालों पर एक करोड़ तक जुर्माना और अन्य कड़े उपाय किए गए। लेकिन विपक्ष ने कहा इससे कुछ भी नहीं होने वाला। कांग्रेस ने मांग रखी कि हाल में हुई दोनों पेपर लीक की घटनाओं की CBI जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

एक परीक्षा कैलेंडर जारी हो, जिसमें विज्ञापन, परीक्षा, नियुक्ति की तारीखें दर्ज हों और इसका उल्लंघन होने पर सख्त कार्रवाई की जाए। भर्तियों के साथ आरक्षण में भ्रष्टाचार रोकने के लिए सामाजिक न्याय पर्यवेक्षक नियुक्त हों। युवाओं का भरोसा बहाल करने के लिए सभी परीक्षाओं के फॉर्म नि:शुल्क किए जाएं। परीक्षा देने के लिए युवाओं को फ्री बस और ट्रेन मुहैया कराई जाए।

अब तक कौन-कौन सी परीक्षा पेपर के लीक
  • 2017 में दरोगा भर्ती परीक्षा का पेपर लीक, परीक्षा रद्द।
  • 2018 फरवरी में यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की परीक्षा पेपर लीक के बाद रद्द।
  • 2018 अगस्त स्वास्थ्य विभाग में प्रमोशन के लिए होने वाली परीक्षा का पेपर लीक।
  • 2018 जुलाई यूपी अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड का पेपर लीक
  • 2018 सितंबर नलकूप चालक परीक्षा का पेपर लीक, रद्द।
  • 2021 अगस्त अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के तहत PET परीक्षा का पेपर लीक, रद्द।
  • 2021 अगस्त बीएड प्रवेश परीक्षा का पेपर लीक, हालांकि सरकार ने लीक के आरोपों को खारिज कर दिया था।
  • 2021 सितंबर में मेडिकल एंट्रेंस की नीट परीक्षा को लेकर यूपी के कुछ शहरों में पेपर लीक के मामले सामने आए लेकिन सरकार ने इसे फर्जी बताया था।
  • 2021 नवंबर यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा यूपी (टीईटी) का पेपर लीक रद्द।
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इनके अलावा भी कई परीक्षा के पेपर लीक हुए या सीधे रद्द हुए। लेकिन उनके विवाद में होने या सरकार द्वारा इनकार करने के कारण इस सूची में जिक्र नहीं किया गया है। किसी भी सरकार के समय एक भी परीक्षा का पेपर लीक होना कलंक माना जाता है। लेकिन यहां तो एक लंबी सूची है। हालांकि भाजपा के चुनाव घोषणापत्रों में ये दावे किए जाते रहे हैं कि यूपी में नकल रोकने और परीक्षा को नकल रहित बनाने में उसकी पिछली सरकारों ने बहुत काम किया है। अभी जब पेपर लीक के खिलाफ ताजा विधेयक लाया गया, तब भी योगी सरकार ने ऐसे ही दावे किए थे।
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क़मर वहीद नक़वी
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