राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शनिवार को मुरादाबाद और अमरोहा पहुंची है। शनिवार की इस यात्रा की खासियत यह रही है कि इसमें प्रियंका गांधी भी शामिल हुई। इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा से एक नारा निकला, नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलनी है।
तो सबसे पहला काम, नफरत को मिटाने का है। भाई को भाई से गले मिलाने का है। यह सबसे पहला काम है। देशभक्त देश को जोड़ता है। देशभक्त देश को तोड़ता नहीं है। देशभक्त मोहब्बत की दुकान खोलते हैं नफरत का बाजार नहीं चलाते।
नफरत को नफरत से नहीं काटा जा सकता है। नफरत मोहब्बत से कटती है। आप सब के दिल में मोहब्बत ही मोहब्बत हैं। आप को कहना है कि हम डरेंगे नहीं, हम मोहब्बत फैलाएंगे और नफरत को मोहब्बत से काटेंगे। राहुल गांधी ने कहा कि, देश में पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों की संख्या लगभग 90 प्रतिशत है।
इसलिए सबसे बड़ा सवाल है कि, देश में इनको कितनी भागीदारी मिल रही है? यह सबसे बड़ा सवाल है। आप देश की 200 सबसे बड़ी कंपनियों की लिस्ट निकाल लो। उसके मालिकों में इन 90 प्रतिशत का एक नहीं मिलेगा।
मैं पूछता हूं कि 90 प्रतिशत में मीडिया में कितने। एक नहीं है। मीडिया के मालिकों के नाम निकालों उसमें एक इन 90 प्रतिशत में से एक आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक, ओबीसी नहीं मिलेगा। प्राइवेट अस्पतालों के मालिकों के नाम निकालो इन 90 प्रतिशत में से एक नहीं इसमें मिलेगा।
हिंदुस्तान की बड़ी कंपनियों में, हाईकोर्ट में, यूनिवर्सिटियों, मीडिया के बड़े पदों पर इन 90 प्रतिशत लोगों को कोई भागीदारी नहीं मिल रही है। राहुल ने कहा कि अगर 90 प्रतिशत को भागीदारी चाहिए तो पहला कदम जाति जनगणना है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि, मोदी सरकार पहले लोगों को आपस में लड़ाती है और फिर आपका धन आपसे लूट लेती है। आपका धन लूटकर अडानी को दिया जा रहा है। इसी तरह मोदी सरकार 'अग्निवीर योजना' लाकर अपने दोस्त को फायदा पहुंचा रही है।
निर्दोषों के घर पर बुल्डोजर चल रहा है
वहीं इस मौके पर प्रियंका गांधी ने कहा कि, राहुल गांधी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' कर रहे हैं। इस यात्रा में 'न्याय' शब्द इसलिए जुड़ा है, क्योंकि देश की महिलाओं, युवाओं, किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। देश में बेरोजगारी और महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। आप मेहनत करते हैं आपके पेपर लिक होते हैं।आप मेहनत करते हैं आपको रोजगार नहीं मिलता है। आप मेहनत करते हैं और महंगाई का सामना करते हैं। किसानों के कर्ज माफ नहीं होते हैं बड़े-बड़े उद्योगपतियों के कर्ज माफ होते हैं। जब तक आप बदलाव नहीं लाएंगे, तब तक आपकी परिस्थितियां बदलने वाली नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि,किसान कल भी आंदोलन कर रहे थे, किसान आज भी आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी बात नहीं सुन रही। उत्तर प्रदेश में किसानों को अपनी जीप के नीचे रौंदने वालों, महिलाओं पर अत्याचार करने वालों और पेपर लीक करने वालों के घर पर बुल्डोजर नहीं चला।
इस सरकार में दोषियों पर नहीं, सिर्फ निर्दोषों के घर पर बुल्डोजर चल रहा है। आप अपने अनुभव से सीखिए कि पिछले 10 साल में आपको क्या मिला है? अपनी परिस्थितियों को देखें और सोचें कि आखिर मोदी सरकार से आपको क्या मिल रहा है। बदलाव तभी आएगा जब आप अपनी परिस्थितियों को देखकर अपना वोट देंगे।
उत्तर प्रदेश में पेपर लीक को रोकने के लिए हमने घोषणा पत्र में जॉब कैलेंडर और एक कमीशन बनाने की योजना बनाई थी। जिसमें परीक्षाओं और नियुक्तियों की तारीखें पहले से तय रहतीं, ताकि गड़बड़ियों को रोका जा सके।
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