पूर्वांचल आ पहुंची य़ूपी की चुनावी जंग में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए कभी पालनहार बनीं गैर यादव पिछड़ी जातियां अब परेशानी का सबब बन गयी हैं। उत्तर प्रदेश में छठे चरण की 14 लोकसभा सीटों पर पिछड़ी जातियों के वर्चस्व को देखते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच घमासान तेज हो गया है। इस चरण की 14 सीटों में से 12 पर लड़ रही सपा ने एक को छोड़ सभी जगह गैर-यादव पिछड़ी जाति के प्रत्याशी उतार भाजपा की राह में कांटे बो दिए हैं। इंडिया गठबंधन की ओर से इन 14 सीटों में से एक इलाहाबाद में कांग्रेस और भदोही में तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी मैदान में हैं जबकि भाजपा 13 सीटों पर खुद और एक संतकबीरनगर सीट पर सहयोगी निषाद पार्टी चुनाव लड़ रही है। छठे चरण में सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही में मतदान होना है।
यूपी छठा चरण: ‘इंडिया’ की पिछड़ी जातियों की व्यूहरचना में उलझी भाजपा
- उत्तर प्रदेश
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- कुमार तथागत
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- 23 May, 2024

कुमार तथागत
उत्तर प्रदेश में छठे चरण में 14 सीटों पर किस गठबंधन का पलड़ा भारी है? बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का या फिर इंडिया गठबंधन का? जानिए, इंडिया गठबंधन ने क्या 'खेल' कर दिया है।
सपा ने गैर-यादव पिछड़े प्रत्याशी उतार बिगाड़ा गणित
इंडिया गठबंधन की ओर से 12 सीटों पर चुनाव लड़ रही सपा ने केवल एक डुमरियागंज में ही अगड़ी जाति का प्रत्याशी उतारा है बाकी सभी सीटों पर उसने पिछड़ों व दलितों को टिकट दिया है। वहीं एनडीए में 13 सीटें लड़ रही भाजपा ने सात सीटों पर अगड़ी जातियों के प्रत्याशी खड़े किए हैं। मछलीशहर और लालगंज सुरक्षित सीटों को छोड़ दें तो भाजपा ने केवल भदोही, आजमगढ़ और प्रतापगढ़ में ही पिछड़ी जातियों को टिकट दिया है।