यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर लीक होने का जिम्मेदार ठहराते हुए उनके पद से हटा दिया गया है। भर्ती बोर्ड की जिम्मेदारी संभालने के लिए आईपीएस राजीव कृष्ण को नियुक्त किया गया है।
“
परीक्षा रद्द होने के बाद भर्ती बोर्ड की आंतरिक मूल्यांकन समिति अब तक अपनी रिपोर्ट नहीं दे पाई है और न ही कोई एफआईआर दर्ज की गई है। ऐसे में सिर्फ रेणुका मिश्रा को हटाने की कार्रवाई तमाम सवाल खड़े कर रही है। हालांकि यूपी के पुलिस अफसरों में रेणुका मिश्रा साफ सुथरी छवि की मानी जाती हैं। इससे पहले उन्हें लेकर कोई विवाद सामने नहीं आया।
कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के दौरान पेपर लीक मामले से निपटने में चूक और एफआईआर दर्ज करने में देरी के बाद भर्ती बोर्ड की महानिदेशक पर यह कार्रवाई की गई।
17 और 18 फरवरी को यूपी में आयोजित परीक्षा में 48 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था । सरकार के एक हालिया आधिकारिक बयान के अनुसार, छह महीने के भीतर पुन: परीक्षा होगी, जिसमें यूपीएसआरटीसी बसें उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्रों तक मुफ्त यात्रा देंगी।
अब तक कौन-कौन सी परीक्षा पेपर के लीक
- 2017 में दरोगा भर्ती परीक्षा का पेपर लीक, परीक्षा रद्द।
- 2018 फरवरी में यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की परीक्षा पेपर लीक के बाद रद्द।
- 2018 अगस्त स्वास्थ्य विभाग में प्रमोशन के लिए होने वाली परीक्षा का पेपर लीक।
- 2018 जुलाई यूपी अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड का पेपर लीक
- 2018 सितंबर नलकूप चालक परीक्षा का पेपर लीक, रद्द।
- 2021 अगस्त अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के तहत PET परीक्षा का पेपर लीक, रद्द।
- 2021 अगस्त बीएड प्रवेश परीक्षा का पेपर लीक, हालांकि सरकार ने लीक के आरोपों को खारिज कर दिया था।
- 2021 सितंबर में मेडिकल एंट्रेंस की नीट परीक्षा को लेकर यूपी के कुछ शहरों में पेपर लीक के मामले सामने आए लेकिन सरकार ने इसे फर्जी बताया था।
- 2021 नवंबर यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा यूपी (टीईटी) का पेपर लीक रद्द।
इन सभी पेपर लीक में इन परीक्षाओं को आयोजित करने वाले प्रमुखों पर कोई कोई कार्रवाई नहीं हुई। इनके अलावा भी कई परीक्षा के पेपर लीक हुए या सीधे रद्द हुए। लेकिन उनके विवाद में होने या सरकार द्वारा इनकार करने के कारण इस सूची में जिक्र नहीं किया गया है। किसी भी सरकार के समय एक भी परीक्षा का पेपर लीक होना कलंक माना जाता है। लेकिन यहां तो एक लंबी सूची है। हालांकि भाजपा के चुनाव घोषणापत्रों में ये दावे किए जाते रहे हैं कि यूपी में नकल रोकने और परीक्षा को नकल रहित बनाने में उसकी पिछली सरकारों ने बहुत काम किया है। अभी जब पेपर लीक के खिलाफ ताजा विधेयक लाया गया, तब भी योगी सरकार ने ऐसे ही दावे किए थे।
अपनी राय बतायें