loader
दोनों डिप्टी सीएम और योगी

यूपीः क्या योगी की गिनती शुरू... बैठक में नहीं पहुंचे दोनों डिप्टी सीएम

यूपी में करारी हार के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तरह तरह की बैठकें कर रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने आला अफसरों की बैठक बुलाई थी और सभी प्रोजेक्ट की समीक्षा की। इसके बाद उन्होंने शनिवार को यूपी कैबिनेट यानी अपने पूरे मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई। लेकिन इस बैठक में दोनों डिप्टी सीएम (केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक) गायब थे। 
योगी की इस बैठक में सहयोगी दलों के कोटे से मंत्री बने तक लोग शामिल थे, जिसमें ओमप्रकाश राजभर, संजय निषाद, आशीष पटेल, अनिल कुमार आदि प्रमुख हैं। लेकिन उनके बीच ब्रजेश पाठक और मौर्य का कहीं अता-पता नहीं था। दोनों के इंतजार में बैठक की औपचारिकता में थोड़ा देरी भी हुई। 
ताजा ख़बरें
कहा जा रहा है कि दोनों डिप्टी सीएम लखनऊ शहर से बाहर हैं, इसलिए कैबिनेट मीटिंग में नहीं आ सके। लेकिन सूत्रों ने बताया कि यह कैबिनेट मीटिंग अचानक नहीं बुलाई गई थी। इसकी सूचना सभी मंत्रियों के पास शुक्रवार को ही भेज दी गई थी। इसके बावजूद दोनों डिप्टी सीएम ने तवज्जो नहीं दी। 
यूपी में लंबे समय से योगी को हटाने की चर्चा चल रही है। हाल ही में केजरीवाल तक ने यह भविष्यवाणी की थी कि यूपी में हारने के बाद भाजपा आलाकमान (मोदी-शाह) योगी को हटा देंगे। क्योंकि उन्हें पार्टी के अंदर और आरएसएस को लेकर सिर्फ योगी से खतरा है। क्योंकि संघ मोदी की जगह योगी को पीएम मोदी की ला सकता है। वैसे भी योगी सीएम पद पर आरएसएस कोटे से ही आए थे।
यूपी में भाजपा की करारी शिकस्त सीटों के मामले में हुई है। उसे 80 में से 33 सीटों पर जीत हासिल हुई, जबकि 2019 के चुनाव में उसकी 64 सीटें आई थीं। हालांकि भाजपा ने पूरे देश में मोदी चेहरे के नाम पर चुनाव लड़ा। लेकिन अब जब जिम्मेदारी की बात आ रही है तो उसके लिए अचानक राज्यों के नेतृत्व को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश से और खबरें
दरअसल, भाजपा आलाकमान की असली परेशानी कम सीटों के आने से ज्यादा अयोध्या (फैजाबाद लोकसभा) सीट पर मिली करारी हार है। इस जनरल सीट पर दलित समाज के अवधेश प्रसाद सपा के टिकट पर चुने गए हैं। भाजपा इस हार पर मुंह दिखाने के काबिल नहीं रही। क्योंकि अयोध्या के राम मंदिर के लिए उसने मुहिम छेड़ी थी। 22 जनवरी 2024 को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा भी हो गई, जिसमें सिर्फ मोदी ही मोदी थे। लेकिन इसके बावजूद पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। अयोध्या यानी फैजाबाद शहर और आसपास गरीबों को उजाड़ने का नतीजा चुनाव नतीजे में बदल गया।  
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें