सड़कों पर घूमते, खेती चरते आवारा गौवंश से हलकान उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब इनके मालिकों पर नकेल कसेगी। एक तरफ जहाँ किसान इन आवारा गौवंशों को पकड़कर बीजेपी नेताओं, विधायकों के घरों, सरकारी भवनों में क़ैद कर रहे हैं, वहीं सरकार के मंत्री इनको पनाह देने वालों को पैसों का ऑफ़र कर रहे हैं।
पशुपालन मंत्री एस. पी. सिंह बघेल ने आवारा पशुओं से परेशान अलीगढ़ के किसानों से कहा है कि वे 5 बीघा ज़मीन में 200 आवारा गाय रखें, सरकार इसके लिए 6000 रुपये रोज देगी। दूसरी ओर मैनपुरी में गुरुवार को सरकारी स्कूल में बंद आवारा गायों को मुक्त कराने पहुँचे पुलिस बल पर किसानों ने हमला कर दिया। इसी हफ़्ते हापुड़ में किसानों ने आवारा गौवंश को बीजेपी विधायक के घर में बंद कर दिया था।
धारा 144 लागू, होगा चालान
साथ ही एक आदेश के मुताबिक़, उत्तर प्रदेश में अब पालतू गोवंश सड़क पर खुला छोड़ने वालों का चालान होगा। आवारा मवेशियों से खेती-किसानी को हो रहे नुक़सान से परेशान योगी सरकार ने अब इस समस्या के समाधान के लिए पंचायत स्तर पर टास्क फ़ोर्स भी बनाने का फ़ैसला किया है। प्रदेश में खुले में मवेशी छोड़ने पर पहली बार धारा 144 लागू की गई है। इसकी शुरुआत कानपुर ज़िले से हुई है। आवारा जानवरों को सार्वजनिक भवनों में बंद करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी। लखनऊ में मवेशियों को खुला छोड़ने वालों पर केस दर्ज़ होने लगा है। उन्नाव जिले में सड़क पर छोड़ी गाय मिलने पर उनके मालिक से जुर्माना वसूलने का फ़रमान जिला प्रशासन ने सुनाया है।
पशु मालिकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा है कि ऐसे पशु मालिकों को चिन्हित कर उन्हें नोटिस दिया जाए और उनके ख़िलाफ़ आवश्यक कारवाई की जाए। कानपुर में ज़िला प्रशासन ने धारा 144 लगाते हुए कहा है कि पशुओं को बेसहारा छोड़ना पशु क्रूरता में आता है। साथ ही जानवरों को सामुदायिक भवनों, स्कूलों व सरकारी भवनों में क़ैद करने पर भी पाबंदी लगाई है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि सभी जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पुलिस, ग्राम विकास, राजस्व व पशुधन विभाग के कार्मिकों की सहभागिता से टास्क फ़ोर्स बनाकर अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों का निर्माण किया जाए। उन्होंने कहा कि शहर की सड़कों पर आवारा जानवर घूमते हुए नज़र नहीं आने चाहिए और न ही उनकी वजह से दुर्घटनाएँ हों।सरकारी भवनों में क़ैद
ख़ुद प्रदेश सरकार का मानना है कि इस समय प्रदेश भर में 5 लाख से ज़्यादा गाय और बैल सड़कों पर आवारा घूम रहे हैं और खेतों को नुक़सान पहुँचा रहे हैं। आवारा गायों से परेशान किसान जानवरों को सरकारी भवनों में क़ैद कर रहे हैं। बीते माह मुख्यमंत्री योगी के घर हुई भाजपा सांसदों व विधायकों की बैठक में बुंदेलखंड के विधायकों ने साफ़ कह दिया कि लोकसभा चुनावों में गाय-बैल वोट नही देंगे बल्कि किसान निर्णायक होंगे जिनकी खेती चरी जा रही है। ग़ौरतलब है कि बीते कुछ दिनों में प्रदेश के दो दर्जन जिलों में आवारा जानवरों से परेशान किसानों ने उन्हें सरकारी भवनों में क़ैद कर दिया था।
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