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लॉकडाउन के बीच पैदल ही अपने घरों को लौट रहे मज़दूरों को उत्तर प्रदेश सरकार की एक बस ने कुचल दिया। इसमें छह लोगों की मौत हो गई और दो घायल हैं। हादसा उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में बुधवार रात क़रीब 11 बजे हुआ। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि वे पंजाब से अपने अपने गृह राज्य बिहार लौट रहे थे।
पुलिस का कहना है कि बस खाली थी और हादसे के बाद ड्राइवर बस को छोड़कर फरार हो गया। पुलिस का कहना है कि हो सकता है कि इस बस को लोगों को राहत देने के लिए लगाया गया हो, क्योंकि राज्य में फ़िलहाल सार्वजनिक परिवहन बंद है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधा और कहा, 'पहले ट्रेन और अब बस हादसा, मज़दूरों की ज़िंदगी इतनी सस्ती क्यों। ‘वंदे भारत मिशन’ में क्या देश की गरीब जनता नहीं आ सकती।
उप्र के मुजफ्फरनगर बस हादसे में प्रवासी मज़दूरों की दर्दनाक मौत पर गहरा दुख. श्रद्धांजलि!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 14, 2020
पहले ट्रेन और अब बस हादसा, मज़दूरों की ज़िंदगी इतनी सस्ती क्यों. ‘वंदे भारत मिशन’ में क्या देश की गरीब जनता नहीं आ सकती. इतना ऊपर भी उड़ना ठीक नहीं कि ज़मीन की सच्चाई की उपेक्षा हो जाए.
बता दें कि दोनों घायलों की स्थिति गंभीर होने की वजह से उन्हें मेरठ के हॉस्पिटल के लिए रेफ़र किया गया है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार मुज़फ़्फ़रनगर कोतवाली पुलिस थाने के एसएचओ अनिल कपरवन ने कहा कि ड्राइवर के ख़िलाफ़ लापरवाही का मामला दर्ज किया जाएगा। पुलिस ने मरने वालों की पहचान हरेक सिंह (51), उनका बेट विकास (22), गुड्डू (18), वासुदेव (22), हरीश (28) और विरेंद्र (28) के रूप में की है।
हाल के दिनों में पैदल चल रहे मज़दूरों के साथ कई दुर्घटनाएँ की ख़बरें आई हैं। लेकिन उनमें से सबसे ज़्यादा चर्चा में महाराष्ट्र की घटना रही। महाराष्ट्र के औरंगाबाद से अपने राज्य मध्य प्रदेश लौट रहे 16 मजदूरों को एक ट्रेन ने कुचल दिया था। ये मज़दूर चलते-चलते इतने थक गए थे कि आराप करने के लिए बैठे तो रेलवे ट्रैक पर ही इनको नींद आ गई थी, तभी एक मालगाड़ी उनके ऊपर से गुजर गयी।
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