समाजवादी पार्टी ने यूपी में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए गुरुवार को सातवीं सीट पर प्रत्याशी की घोषणा कर दी। वो 6 सीटों पर पहले ही प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। जबकि मिल्कीपुर उपचुनाव की घोषणा अभी नहीं हुई है। जब होगी वो भी सपा के खाते में जाएगी, क्योंकि यह सीट सपा के पास शुरू से रही है। लेकिन सपा ने गुरुवार को अपने सातवें प्रत्याशी की घोषणा करते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस दो सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमत हो गई है। हालांकि कांग्रेस की ओर से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन यह बात चौंकाने वाली है कि सपा ही उपचुनाव को लेकर सारे फैसले ले रही है।
पीटीआई के मुताबिक सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने गुरुवार को कहा, "कांग्रेस के साथ हमारा समझौता अंतिम है। 10 सीटों में से कांग्रेस दो खैर (अलीगढ़) और गाजियाबाद पर चुनाव लड़ेगी, जबकि बाकी पर सपा चुनाव लड़ेगी।"
कांग्रेस ने कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन सूत्रों का कहना है कि असहमत है। प्रदेश कांग्रेस के नेता इशारों में बातें कह रहे हैं। प्रदेश के नेता पांच सीटों पर दावा जताते रहे हैं। लेकिन हरियाणा में कांग्रेस की सरकार नहीं बनने के कारण कांग्रेस ऐसे मुद्दों पर अब कम बोल रही है। क्योंकि सपा ने हरियाणा के अहिरवाल क्षेत्र में सिर्फ दो सीटें मांगी थीं लेकिन हरियाणा में चुनाव का नेतृत्व कर रहे भूपिंदर सिंह हुड्डा ने किसी भी सहयोगी पार्टी को कोई सीट नहीं दी, जिसमें सपा और आम आदमी पार्टी प्रमुख है।
सपा ने पहले ही मुजफ्फरनगर की मीरापुर सहित सात सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जहां से उसने सुंबुल राणा को मैदान में उतारा है। मीरापुर की घोषणा गुरुवार को की गई। कांग्रेस यह सीट मांग रही थी। लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें खैर और गाजियाबाद देने को तैयार हैं।
हरियाणा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद, सपा ने यूपी उपचुनावों में सीट बंटवारे के उसके अनुरोध को ठुकरा दिया था। बाद में जब महाराष्ट्र में सपा को दो सीटें मिलती दिखाई दीं तो उसने भी कांग्रेस को दो सीटों की पेशकश कर दी। बता दें कि मध्य प्रदेश की तरह, दोनों पार्टियां हरियाणा में सीटों को लेकर सहमति बनाने में नाकाम रहीं। सपा हरियाणा के यादव बेल्ट में मात्र दो सीटें मांग रही थी, जहां उसके व्यापक रूप से सफल होने की उम्मीद थी। कांग्रेस के प्रदेश नेताओं ने अपने अपने राज्यों में पार्टी का गणित बिगाड़ दिया। मध्य प्रदेश में जहां कमलनाथ जिद पर अड़े रहे, वहीं हरियाणा में हुड्डा ने भी यही कहा।
लोकसभा चुनाव में कुछ विधायकों के सांसद चुने जाने के बाद यूपी की नौ विधानसभा सीटें खाली हो गईं। सीसामऊ में समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी को एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराने पर अयोग्य ठहराए जाने के कारण उपचुनाव हो रहा है। चुनाव आयोग ने मिल्कीपुर को छोड़कर बाकी नौ सीटों पर चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी है। सभी सीटों पर 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे।
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