सोशल मीडिया पर डाले गए एक पोस्ट में दिख रहा है कि दोनों युवकों को डंडे और लात-घूँसों से 6-7 लोग पीट रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि बाद में जब पीड़ितों से बात की गई तो उनकी बातों से लगता है कि उनको या तो गो रक्षा के नाम पर पीटा गया है या फिर दिल्ली में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के नाम पर। हालाँकि पुलिस का अलग ही वर्जन है।
बुलंदशहर पुलिस के आधिकारिक ट्वीट से यह तो कहा गया है कि थाना सिकन्द्राबाद क्षेत्र में खुर्जा रोड, यादव फार्महाऊस के पास कुछ युवकों द्वारा दो युवकों के साथ मारपीट की घटना हुई है, लेकिन इसके साथ यह दावा किया गया है कि दो पक्षों के बीच आपसी विवाद का मामला है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बयान जारी कर कहा है, 'उसकी कई वजहें चर्चा में हैं। एक तो छेड़खानी संबंधी मामला है और कुछ अवैध संबंध से जुड़ा मामला है। मामले की जाँच की जा रही है।'
लेकिन जब वीडियो में पीड़ित व्यक्ति से बात की गई तो वह वीडियो में इसका ज़िक्र भी नहीं करता है।
पीड़ित क्या कहता है?
पिटाई वाले वीडियो में ही यह भी दिख रहा है कि जब मारपीट करने का मामला शांत होता है तो दोनों पीड़ित एक गाड़ी में बैठाए गए दिखते हैं और एक व्यक्ति कैमरे में रिकॉर्ड करते हुए उनसे सवाल पूछता है। पूछे जाने पर पीड़ित युवक अपना नाम उमर बताता है। इसमें पूरे मामले के बारे में पूछे जाने पर उमर बताता है, 'हम कोल्ड स्टोर पर गाजर लेने गए थे, गाय-भैंसों को (के लिए)। आप स्टोर मालिक से पूछ भी सकते हैं। उसी दौरान हमारे आगे बाइक लगाकर उन्होंने (हमलावरों ने) खींच लिया हमें। कहने लगे.. लो आ गये... क्या दिल्ली समझ रखा है तुने। लाठी-डंडे बजाए हमपर।'
आगे उमर बताता है, 'हदीमपुर मोड़ की बात है। कुछ हमलावर कहते हैं कि तेजाब डालो इनके ऊपर...।' उमर दूसरे पीड़ित का नाम राहीब काजी बताते हैं। उमर कहते हैं कि हम कैसे गाय काटने वाले हैं, हमारे ख़ून-वून तो होते हाथों में? वो कहते हैं कि ... को काटो... दिल्ली में यूँ कर-कर, वीडियो बना बना कर छोड़ रहे हैं...। हमारा क्या कसूर है वहाँ पर प्रोटेस्ट हो रहा है तो? यहाँ तो हम सबको भाई मानते हैं।'
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