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उन्नाव बलात्कार कांड : सीबीआई ने कहा, पूर्व डीएम, 3 पुलिस अफ़सरों पर हो कार्रवाई

उन्नाव बलात्कार कांड एक बार फिर सुर्खियों में है। इसकी वजह यह है कि कम से कम एक आईएएस और तीन आईपीएस अफ़सरों पर गाज गिर सकती है क्योंकि उन्होंने इस मामले में एकदम शुरू में एफ़आईआर दर्ज नहीं की थी।
बता दें कि उन्नाव में 2017 के जून में भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन  विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर एक छात्रा के साथ बलात्कार करने का आरोप लगा था।

क्या है मामला?

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा है कि वह उन्नाव की तत्कालीन ज़िला मजिस्ट्रेट अदिति सिंह, पुलिस सुपरिटेंडेंट पुष्पांजलि देवी और नेहा पांडेय के ख़िलाफ़ उचित कार्रवाई करे। इसके अलावा एडिशनल एसपी अष्टभुजा प्रसाद सिंह के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करने की सिफ़ारिश की गई है।
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सीबीआई के एक अफ़सर ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'बलात्कार पीड़िता और उसके परिजनों की शिकायत पर एफ़आईआर नहीं दर्ज करने के आधार पर हमने चार अफ़सरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने को कहा है। हमने यह चिट्ठी अगस्त में ही दे दी थी, अब तक कोई जवाब नहीं आया है।'

अब तक कार्रवाई नहीं

सीबीआई ने फरवरी में राज्य सरकार को चिट्ठी लिखी थी, उस समय इन अफ़सरों के नाम उजागर नहीं किए गए थे। राज्य सरकार ने कहा कि उनके नाम बताए जाएं। इसके बाद केंद्रीय एजेन्सी ने इन अफ़सरों के नाम लेकर फिर चिट्ठी लिखी।
याद दिला दें कि 4 जून, 2017 को 17 साल की बलात्कार पीड़िता और उसके रिश्तेदारों ने उन्नाव के बंगरमऊ के चार बार के विधायक सेंगर के ख़िलाफ़ शिकायत की थी, उसे दर्ज नहीं किया गया। लड़की के पिता ने यह मुद्दा उठाया तो उन्हें एक झूठे मामले में फँसा दिया गया। पांच दिन बाद उसने आत्महत्या की कोशिश की। अगले दिन पुलिस हिरासत में उसके पिता की मौत हो गई। सेंगर के ख़िलाफ़ 12 अप्रैल को मामला दर्ज किया गया। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया।  

सेंगर को मिली सज़ा

बाद में कुलदीप सिंह सेंगर को पीड़िता के पिता की मौत के मामले में दस साल की जेल की सज़ा सुनाई गई। सेंगर को मामले में दोषी क़रार दिया गया था। सेंगर को ग़ैर-इरादतन हत्या और आपराधिक साज़िश रचने के मामले में दोषी ठहराया गया था। मामले में कुल 11 अभियुक्तों में से कुलदीप सेंगर व छह अन्य को दोषी ठहराया गया। 
दिसंबर 2019 में दिल्ली की तीस हज़ारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रक़ैद की सजा सुनाई थी और 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। उन्नाव पीड़िता के पिता की अप्रैल, 2018 में न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। 
विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर व उसके साथियों ने पीड़िता के पिता के साथ मारपीट की थी और इसके बाद पुलिस हिरासत में पीड़िता के पिता की मौत हो गई थी। मौत से पहले पीड़िता के पिता का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने कहा था कि विधायक के भाई और उसके गुर्गों ने उन्हें पीटा था।
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क़मर वहीद नक़वी
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