उन्होंने इसके पहले कहा था कि वह कोरोना की वजह से शिलान्यास समारोह से दूर रहेंगी। पर बुधवार की सुबह उन्होंने ट्वीट किया कि वह इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगी क्योंकि 'राम की मर्यादा से बंधी' हैं।
मैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम की मर्यादा से बँधी हूँ । मुझे रामजन्मभूमी न्यास के वरिष्ठ अधिकारी ने शिलान्यास स्थली पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है । इसलिये मैं इस कार्यक्रम में उपस्थित रहूँगी । #RamMandirBhumiPujan
— Uma Bharti (@umasribharti) August 5, 2020
मामला क्या है?
उमा भारती के इस रुख ने सबको हैरान कर दिया था। क्या यह उनका सांकेतिक विरोध था? कोरोना से ऐसा डर तो नहीं हो सकता! नेता आज भी लोगों से मिल रहे हैं, सरकारें बनाने, बिगाड़ने का खेल भी इस दौरान हुआ था और ख़ास तौर पर मध्य प्रदेश में भी हुआ था। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को उखाड़ कर फेंक दिया गया था और बीजेपी के शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने थे। उमा भारती इस प्रक्रिया में शामिल भी रहीं, विधायकों से मिलने-जुलने की उनकी ख़बरें भी मीडिया में आयीं। कांग्रेस के बाग़ी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी वे मिलीं थीं।उमा भारती की यह बात किसी को हजम नहीं हुई थी कि कोरोना संक्रमण की किसी आशंका के कारण राम मंदिर शिलान्यास के ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रही हैं।
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