सनातन धर्म पर टिप्पणी करने के लिए उत्तर प्रदेश में मुक़दमा दर्ज किया गया है। इसमें तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे को आरोपी बनाया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म लोगों को जाति और धर्म के नाम पर विभाजित करता है और इसे उखाड़ फेंकने की ज़रूरत है। विवाद बढ़ने के बाद अपने बयान पर कायम रहते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे अपने भाषण के महत्वपूर्ण पहलू को दोहराना चाहिए: मेरा मानना है कि मच्छरों द्वारा डेंगू और मलेरिया और कोविड -19 जैसी बीमारियों के फैलाए जाने की तरह ही सनातन धर्म कई सामाजिक बुराइयों के लिए जिम्मेदार है।'
स्टालिन की टिप्पणी पर विवाद बढ़ने के बाद जब कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता वह 'बीमारी जैसा है।' उन्होंने कहा, 'कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या आपको मानव होने की गरिमा सुनिश्चित नहीं करता है, वह मेरे अनुसार धर्म नहीं है। कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता... वह बीमारी जैसा है।'
दक्षिण के इन दोनों नेताओं के इसी बयान पर उत्तर प्रदेश में शिकायत दर्ज कराई गयी। पुलिस ने बुधवार को कहा कि उदयनिधि स्टालिन और प्रियांक खड़गे के खिलाफ कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। स्टालिन पर सनातन धर्म को खत्म करने का आह्वान करने और खड़गे पर उनकी टिप्पणी का समर्थन करने के लिए मामला दर्ज किया गया है।
बता दें कि उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए बयान को बीजेपी ने लपक लिया है। गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को डीएमके नेता के इस बयान के हवाले से विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' पर हमला किया। अमित शाह ने कहा कि इंडिया गठबंधन हिंदू धर्म को ख़त्म कर सत्ता हथियाना चाहता है। उन्होंने कहा, 'I.N.D.I.A. गठबंधन के दो मुख्य दल- कांग्रेस और डीएमके (एक वित्त मंत्री के पुत्र और एक मुख्यमंत्री के पुत्र) कह रहे हैं कि सनातन धर्म को समाप्त कर देना चाहिए। तुष्टिकरण और वोट-बैंक की राजनीति करने के लिए इन लोगों ने सनातन धर्म का अपमान किया है।'
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