बीजेपी की जाट राजनीति में जब भी कोई नाम आता था, वो संगीत सोम का होता था। लेकिन सोम इस बार सरधना से हार गए। हालांकि लक्ष्मी नारायण चौधरी भी बीजेपी के जाट नेता हैं लेकिन वो हमेशा लो प्रोफाइल पर काम करते रहे। हालांकि योगी की पिछली कैबिनेट में वो पशुपालन मंत्री थे। लेकिन पिछले चुनाव में जिस तरह बीजेपी की गाड़ी पश्चिमी यूपी की जाट बेल्ट में हिचकोले खाती रही, उसकी वजह से चौधरी चमक कर एकदम सामने आ गए हैं। उन्हें बेबीरानी मौर्य के बाद पांचवें नंबर पर शपथ दिलवाई गई।
मथुरा के रहने वाले लक्ष्मी नारायण चौधरी ने इस चुनाव में सीधे रालोद को चुनौती दी। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान अखिलेश और जयंत की जोड़ी के लिए कहा था कि बैल और भैंस को एकसाथ खेत में नही ंजोता जा सकता। उनके इस बयान पर सपा और रालोद के नेता बहुत नाराज हुए थे। यह अलग बात है कि चौधरी ने अपनी राजनीति की शुरुआत उस लोकदल से की, जिसकी स्थापना चौधरी चरण सिंह ने की थी। लेकिन चौधरी ने कोई ऐसा प्रमुख दल नहीं बचा, जिसके रथ में वो न सवार हुए हों। लोकदल से वो कांग्रेस में आए, वहां से बीएसपी में गए और फिर वहां से बीजेपी में पहुंचे।
लॉ ग्रैजुएट चौधरी अब तक चार बार विधायक बन चुके हैं। 1985 में सबसे पहले उन्होंने लोकदल टिकट पर बीजेपी के किशोरी श्याम को हराया था। 1996 में वो कांग्रेस टिकट पर चुने गए। फिर 2007 में वो बीएसपी टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे। 2012 में वो बीएसपी टिकट पर चुनाव हार गए। इसके बाद वो हाशिए पर चले गए लेकिन उन्होंने सियासी माहौल भांपा और 2015 में बीजेपी में शामिल हो गए। 2017 में बीजेपी ने उन्हें छाता (मथुरा) से टिकट दिया और वो जीते तो योगी ने भी उन्हें मंत्री बना दिया। 2022 में वो फिर छाता से जीते और इस बार बीजेपी उन्हें जाट कोटे में लेकर बहुत महत्व दे रही है।
गाय के लिए एम्बुलेंस कहां गई
यूपी जैसे राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट है। जहां मरीजों को ले जाने के लिए पर्याप्त एम्बुलेंस न हों, उस राज्य का पशु पालन मंत्री गायों के लिए एम्बुलेंस चलवाने की घोषणा करे तो अटपटा लगेगा। लेकिन यह हकीकत है कि बतौर पशुपालन मंत्री नवंबर 2021 में लक्ष्मी नारायण चौधरी ने घोषणा की थी कि योगी सरकार गौमाता के लिए एम्बुलेंस चलवाएगी। वो एम्बुलेंस तो चली नहीं और न ही चलेगी लेकिन अब दोबारा मंत्री बनने पर चौधरी को कम से कम मथुरा जिले में मरीजों के लिए पर्याप्त एम्बुलेंस का इंतजाम करा दें।
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