अपने ही लॉ कॉलेज की छात्रा द्वारा लगाए गए बलात्कार के आरोपों से घिरे पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के मामले में नया मोड़ आ गया है। लॉ कॉलेज की छात्रा ने अपने आरोप वापस ले लिए हैं। इस मामले की सुनवाई लखनऊ की एक विशेष अदालत में हो रही थी।
शाहजहांपुर के स्वामी सुखदेवानंद पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में लॉ की पढ़ाई कर रही 24 साल की इस छात्रा ने पिछले साल ख़ुद ही सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर आरोप लगाया था कि चिन्मयानंद ने एक साल तक उसका बलात्कार व यौन उत्पीड़न किया था। स्वामी चिन्मयानंद इस कॉलेज की प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हैं। ऐसे में अब छात्रा क्यों अपने बयान से पलट गई, यह गहरे सवाल खड़े करता है।
पीड़िता और उसके परिवार की ओर से आरोप लगाया गया था कि चिन्मयानंद के सियासी रसूख के कारण पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी और इसमें जानबूझ कर देरी की जा रही थी। पीड़िता ने आत्मदाह की चेतावनी भी दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दख़ल दिया था।
अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि छात्रा के अपने पुराने बयानों से मुकरने के बाद फिर से पूछे जाने पर यही बात दोहराई कि उसने पूर्व केंद्रीय मंत्री के ख़िलाफ़ यह बयान दबाव में दिया था और जब उसने पुलिस में इस मामले की शिकायत की थी तब भी वह दबाव में थी। हालांकि छात्रा ने दबाव डालने वाले लोग कौन थे, इस बारे में कुछ नहीं कहा।
इसके बाद अभियोजन पक्ष ने झूठे साक्ष्य पेश करने और झूठे बयान देने के लिए छात्रा के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने को लेकर अदालत में अर्जी दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी।
छात्रा ने कहा था कि उसके पास चिन्मयानंद के कम से कम 35 वीडियो हैं। उसने कहा था कि उसे उम्मीद है कि इन वीडियो के आधार पर उसे इंसाफ़ ज़रूर मिलेगा। छात्रा ने कहा था कि उसे कॉलेज कैंपस में बने चिन्मयानंद के आवास पर मसाज के लिए बुलाया जाता था और इस दौरान वह ऐसा चश्मा पहनती थी जिसमें ख़ुफ़िया कैमरा लगा होता था, इसकी मदद से ही उसने ये वीडियो बनाए थे।
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