दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का ‘मुफ़्त बिजली’ का दांव कई राजनीतिक दलों को भा गया है। निश्चित रूप से दिल्ली में आम आदमी पार्टी को मिली लगातार दो प्रचंड जीत में इस ‘मुफ़्त बिजली’ के दांव का बड़ा हाथ रहा था। लगता है कि एसपी मुखिया अखिलेश यादव भी इससे प्रभावित हैं।
एसपी के लखनऊ स्थित कार्यालय के बाहर लगे होर्डिंग्स में वादा किया गया है कि अगर 2022 में उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार बनती है तो राज्य के लोगों को 300 यूनिट ‘मुफ़्त बिजली’ दी जाएगी। इसके अलावा 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा भी किया गया है।
बीजेपी पर दबंगई के आरोप
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में महज 7 महीने का वक़्त बचा है। हालिया जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में बीजेपी पर सत्ता के नशे में चूर होकर जो दबंगई करने के आरोप लगे हैं, उससे पता चलता है कि वह किसी भी क़ीमत पर राज्य की सत्ता में वापसी करना चाहती है और सेमीफ़ाइनल माने जा रहे पंचायत और प्रमुख के चुनाव में जीत के लिए उसने हर हथकंडे को आजमाया।
बिहार में चला नौकरियों का वादा
यहां याद दिलाना ज़रूरी होगा कि बीते साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में बिहार में आरजेडी की ओर से सत्ता में आने पर 10 लाख नौकरियां देने का वादा किया गया था। यह वादा चला भी था और आरजेडी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और बहुत मामूली अंतर से सरकार बनाने से चूक गयी थी।
‘बिजली हाफ़, पानी माफ़’ का वादा
यहां यह भी दिलाना ज़रूरी होगा कि अन्ना आंदोलन के बाद जब केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी कायम की और दिल्ली के चुनाव में उतरने का एलान किया तो केजरीवाल ने ‘बिजली हाफ़, पानी माफ़’ का वादा किया था और दिल्ली में पहली बार सरकार बनाने के बाद उन्होंने इस वादे को लागू किया था। दिल्ली में लोग तब हैरान रह गए थे जब उनके वहां बिजली के बिल शून्य आने लगे थे।
देखना होगा कि एसपी अगर अपने घोषणापत्र में इस वादे को शामिल करती है तो क्या उत्तर प्रदेश के चुनाव में उसे इसका फ़ायदा मिलेगा और क्या बीजेपी और कांग्रेस भी ‘मुफ़्त बिजली’ देने का वादा यहां की अवाम से करेंगे।
उत्तराखंड में भी हो रहा असर
केजरीवाल ने इस ‘मुफ़्त बिजली’ के वादे को पंजाब के अलावा उत्तराखंड में भी दोहराया है और इन राज्यों के लोगों से वादा किया है कि अगर उनकी पार्टी यहां सत्ता में आई तो राज्य के लोगों को 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी।
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