हिंदुस्तान की सियासत की तक़दीर तय करने वाले सूबे उत्तर प्रदेश के 2022 के चुनाव को लेकर मैदान सज चुका है। बीएसपी के ब्राह्मण सम्मेलन, बीजेपी के मंथन शिविरों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की क़यादत वाली एसपी ने भी चुनावी माहौल बनाना शुरू कर दिया है।
गुरूवार को एसपी अखिलेश की अगुवाई में साइकिल यात्रा निकाल रही है। एसपी के बड़े नेता रहे जनेश्वर मिश्र की जयंती के मौक़े पर पार्टी ने यह यात्रा निकाली है।
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इस यात्रा के दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बढ़ती महंगाई, कृषि क़ानूनों, बेरोज़गारी और अपने बड़े नेता आज़म ख़ान को जेल में रखे जाने का पुरजोर विरोध किया है।
अखिलेश यादव जानते हैं कि यह चुनाव पार्टी के भविष्य के लिए बेहद अहम है। अखिलेश जहां कुछ छोटे दलों के साथ गठबंधन बनाकर चुनावी मैदान में कूदने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं वह अपने कैडर को सक्रिय कर सत्ता में वापसी करने के लिए बेकरार हैं।
किसान आंदोलन ने दिया मौक़ा
सभी विपक्षी राजनीतिक दल किसान आंदोलन को 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में ख़ुद को जिंदा करने के मौक़े के रूप में देख रहे हैं। इन दलों के कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि अगर किसान आंदोलन लंबा चलता है तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 120 विधानसभा सीटों पर इसका असर होगा और यहां से चली यह क्रांतिकारी हवा उत्तर प्रदेश की बाक़ी जगहों पर भी बदलाव की ज़मीन तैयार करेगी।
ख़ुद किसान मिशन यूपी-उत्तराखंड का एलान कर चुके हैं और 5 सितंबर को मुज़फ्फरनगर में राष्ट्रीय महापंचायत होने जा रही है जिसमें मिशन यूपी-उत्तराखंड की रणनीति को फ़ाइनल किया जाएगा।
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