होर्डिंग्स विवाद पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से झटका खाने के बाद भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को सद्बुद्धि नहीं आई है। वह न केवल अपने रुख़ पर अड़ी हुई है, बल्कि उससे भी आगे जाकर ऐसे काम करने पर उतारू है जो न केवल जनविरोधी हैं, बल्कि अलोकतांत्रिक एवं असंवैधानिक भी हैं। उसका नया रिकवरी ऑफ़ डैमेज टू गवर्नमेंट एंड प्राइवेट प्रापर्टी ऑर्डिनेंस इसकी एक और बानगी है।
रिकवरी अध्यादेश: विरोध की आवाज़ को दबाने पर आमादा है योगी सरकार!
- उत्तर प्रदेश
- |
- |
- 17 Mar, 2020

रिकवरी अध्यादेश के प्रावधान ऐसे हैं जो किसी भी लोकतांत्रिक कसौटी पर खरे नहीं उतरते। इसका एकमात्र मक़सद आम जनता में खौफ़ पैदा करना है और विरोध करने वालों की आवाज़ को दबाना है।
योगी सरकार यह अध्यादेश सरकारी एवं निजी संपत्ति को नुक़सान पहुँचाने वालों से हर्ज़ाना वसूलने के नाम पर लाई है। लेकिन इस अध्यादेश के प्रावधान ऐसे हैं जो किसी भी लोकतांत्रिक कसौटी पर खरे नहीं उतरते। इसका एकमात्र मक़सद आम जनता में खौफ़ पैदा करना है और विरोध करने वालों की आवाज़ को दबाना है।