मध्य प्रदेश में एकमुश्त दल-बदल के ज़रिए सरकार को गिराने का खेल चल रहा है। पता नहीं, कमलनाथ की सरकार बचेगी या नहीं और बचेगी भी तो क्या दल-बदल के ही सहारे? इन सवालों के जवाब हमें अगले एक पखवाड़े में मिल जाने चाहिए। बहरहाल, सरकार बचे या जाए, लेकिन यह तो साफ़ है कि दल-बदल का यह खेल अवसरवादी राजनीति की पराकाष्ठा है।
दल-बदल में भी बीजेपी का प्रयोग, लोकतंत्र का मज़ाक!
- विचार
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- 15 Mar, 2020

मध्य प्रदेश में एकमुश्त दल-बदल के ज़रिए सरकार को गिराने का खेल चल रहा है। पता नहीं, कमलनाथ की सरकार बचेगी या नहीं और बचेगी भी तो क्या दल-बदल के ही सहारे?
मध्य प्रदेश में दल-बदल का यह खेल बीजेपी की शह पर खेला जा रहा है। अगर बीजेपी इस दल-बदल के पीछे नहीं होती तो न तो ‘महाराज’ सिंधिया का असंतोष उबाल मारता और न ही 22 विधायक बीजेपी की गोद में बैठने के बारे में सोचते। इन विधायकों को मंत्री पद और जाने क्या-क्या लालच दिए गए कि वे पार्टी के प्रति वफ़ादारी और सिद्धांत को भूलकर बीजेपी के बाड़े में बंद हो गए।
हालाँकि, दल-बदल का यह खेल केवल बीजेपी ही नहीं खेलती। कांग्रेस और दूसरी पार्टियाँ भी दल-बदल की राजनीति करती रही हैं। लेकिन निकट भविष्य में बीजेपी ने तो तमाम हदें लाँघ दी हैं।