राहुल गांधी को बुधवार को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति नहीं दी गई। कांग्रेस पाँच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के लखीमपुर दौरे की यूपी सरकार से अनुमति मांगी थी। इस प्रस्तावित प्रतिनिधिमंडल में शामिल राहुल उन परिवारों से मिलना चाहते हैं जो किसान कार से रौंदे जाने के कारण मारे गए हैं। यूपी सरकार ने पहले ही कई नेताओं को वहाँ जाने से रोक रखा है। उनमें उनकी बहन प्रियंका गांधी भी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में कांग्रेस ने कहा था कि राहुल गांधी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने ज़िले का दौरा करने की योजना बनाई है।
A five member delegation of INC led by Shri @RahulGandhi propose to visit Lakhimpur Kheri tomorrow to express condolences to the bereaved families & to know the facts firsthand.: Shri @kcvenugopalmp letter to UP CM. pic.twitter.com/5gbheTbIta
— Congress (@INCIndia) October 5, 2021
कांग्रेस ने ख़त में कहा है कि बिना किसी कारण बताए प्रियंका गांधी वाड्रा को तो हिरासत में लिया गया है जबकि उत्तर प्रदेश और बंगाल के भी दूसरे राजनीतिक दलों के नेताओं को वहाँ जाने की अनुमति दी गई है।
इस ख़त के लिखे जाने के थोड़ी देर बाद ही ख़बर आई कि सरकार इस पर राज़ी नहीं है। समाचार एजेंसी 'एएनआई' ने बताया कि राज्य सरकार ने बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगाने के आदेशों का हवाला देते हुए यात्रा की अनुमति से इनकार कर दिया।
इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को मंगलवार शाम को औपचारिक तौर पर गिरफ़्तार किए जाने की ख़बर आई। इस पर प्रियंका ने कहा है कि उनकी गिरफ़्तारी पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी है। प्रियंका ने मंगलवार को एक पत्र जारी कर कहा कि डीसीपी पीयूष कुमार सिंह ने मौखिक रूप से उन्हें बताया कि 4 अक्टूबर को सुबह 4.30 बजे उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया है। प्रियंका किसानों की मौत के बाद लखीमपुर खीरी जा रही थीं लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया था।
उन्होंने मंगलवार को आरोप लगाया कि उन्हें सीतापुर में एक पुलिस परिसर में अवैध रूप से रखा जा रहा था और 38 घंटे की हिरासत के बाद भी उन्हें कोई नोटिस या प्राथमिकी नहीं दी गई और उन्हें उनके वकील से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। एक बयान में उन्होंने कहा कि उन्हें मजिस्ट्रेट या किसी अन्य न्यायिक अधिकारी के सामने पेश नहीं किया गया है।
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