लोकसभा चुनावों से ख़राब आगाज करने के बाद कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गाँधी के लिए ‘करो या मरो’ की स्थिति है। ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को एक चुनौती के तौर पर लेते हुए प्रियंका गाँधी यहाँ सब कुछ बदल देने को आमादा हैं। प्रियंका का नया मंत्र है- नयी प्रदेश कमेटी छोटी हो, पुराने सदस्यों के पर कतरें जाएँ, युवाओं के हाथ में बड़ी ज़िम्मेदारी मिले और महिला चेहरों को भी प्रमुखता दी जाए। इन दिनों यूपी में कांग्रेस संगठन की कायाकल्प करने में जुटी प्रियंका गाँधी ने अब तक जो संकेत दिए हैं उससे साफ़ लगता है कि वह यहाँ कांग्रेस के मौजूदा निजाम पर पूरी तरह से झाड़ू फेरने के मूड में हैं।
कांग्रेस की यूपी में नयी कार्यकारिणी के एलान से पहले जानबूझ कर टीम प्रियंका की ओर से जानकारियाँ मीडिया में लीक की गयी हैं उससे यह संकेत साफ़ नज़र आते हैं कि पार्टी उत्तर प्रदेश में अब तक के सबसे बड़े बदलाव की ओर जा रही है। उपलब्ध करायी गयी जानकारियों के मुताबिक़ ये बदलाव कई स्तर पर दिखेंगे।
प्रियंका गाँधी की योजना के मुताबिक़ यूपी कांग्रेस की नयी कार्यकारिणी में सब कुछ नया होगा और पुरानी टीम के कोई भी सदस्य इसमें जगह नहीं पाएँगे। यही फ़ॉर्मूला ज़िला और शहर अध्यक्षों की नियुक्ति में भी अपनाया जाएगा।
ऊर्जावान युवाओं को मिलेगी जगह
उत्तर प्रदेश कांग्रेस में बड़े बदलाव की आहट सुनाई दे रही है। कांग्रेस के प्रदेश संगठन में तीन महीनों से चल रही 'बड़ी ओवरहॉलिंग' यानी कायाकल्प की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। यूपी कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गाँधी के निर्देश पर तैयार हो रही नयी प्रदेश कमेटी पिछली कमेटी के मुक़ाबले 10 गुना छोटी तो होगी ही साथ ही इसमें आंदोलन से निकले कई तेज़तर्रार चेहरे नज़र आएँगे।
संगठन में बदलाव की प्रक्रिया में जुटे लोगों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी में युवा, ज़मीनी, संघर्षशील और आंदोलनधर्मी चेहरे प्रमुख भूमिका में होंगे। इस नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी की औसत आयु 38 से 40 वर्ष की रखी जाएगी। पहली बार नई प्रदेश कमेटी में कई संघर्षशील महिला चेहरों के साथ ही काम करने वाले और दौड़ने वाले लोगों को तरजीह दी जाएगी। भविष्य की राजनीति को देखते हुए दलित और पिछड़े वर्ग के युवा कार्यकर्ताओं और नेताओं को नेतृत्व में जगह मिलेगी। प्रियंका गाँधी के फ़ॉर्मूले के मुताबिक़ हर ज़िले में एक उपाध्यक्ष महिला होगी।
फ़्रंटल संगठनों में भी बदलाव
वरिष्ठ पार्टी नेताओं का कहना है कि नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी में हर एक व्यक्ति की ठोस ज़िम्मेदारी होगी और उसके जवाबदेही तय होगी। पहले प्रदेश कमेटी की घोषणा होगी और इसके तुरंत बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश नई ज़िला कमेटियों की घोषणा की जाएगी। इसी क्रम में जन-संगठनों, विभागों और प्रकोष्ठों में भी भारी बदलाव घोषित किए जाएँगे।
संगठन की 'ओवरहॉलिंग' की यही प्रक्रिया पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी शुरू कर दी गई है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिवों की टीम इस काम में लग गई है। लोकसभा चुनाव के तत्काल बाद यानी पिछले तीन महीनों से प्रियंका गाँधी ने मीटिंगों का दौर जारी रखा। इस प्रक्रिया के तहत प्रियंका यूपी के हज़ारों कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिलीं। एआईसीसी सचिव व कुछ चुनिंदा नेताओं की चार टीमों ने प्रियंका गाँधी के निर्देश पर जून महीने से ही हर ज़िले का दौरा करना शुरू किया। इन टीमों ने हर ज़िले में कम से कम 2-3 दिन रहकर बैठक की और स्थिति भाँपी। इसके अलावा एक अन्य टीम ने अनौपचारिक स्तर पर हर ज़िले के संगठन, कामकाज, सक्रियता और ज़मीनी स्थिति की जाँच-पड़ताल की। संगठन बनाने की प्रक्रिया में प्रियंका गाँधी पूर्वी उत्तर प्रदेश के संगठन के हर एक ज़िला अध्यक्ष, हर एक शहर अध्यक्ष, हर एक प्रत्याशी, हर एक प्रभारी से मिलीं।
पिछड़ों, दलितों, महिलाओं को मिलेगी प्रमुखता
टीम प्रियंका का कहना है कि प्रदेश कमेटी में और ज़िला कमेटियों में सामाजिक संतुलन पर पूरा ज़ोर देते हुए हर वर्ग से प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गयी जबकि ग़रीब-वंचित तबक़ों से और दलित-पिछड़े-अति पिछड़े वर्ग से नेताओं-कार्यकर्ताओं का पूरा ध्यान रखा गया है।
प्रदेश कमेटी के बाद यही प्रक्रिया अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी ज़िलों में चालू की गयी है।
प्रदेश कमेटी की घोषणा के बाद अब उत्तर प्रदेश में बड़े आंदोलन की रूपरेखा पर काम हो रहा है। नेताओं का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस द्वारा किसानों के मुद्दे पर बड़ा आंदोलन खड़ा करने की तैयारी शुरू करते हुए इसी साल के भीतर 1 करोड़ नई सदस्यता का लक्ष्य रखा गया है।
प्रियंका गाँधी के नेतृत्व में व्यापक जन-सम्पर्क और जन-आंदोलन की तैयारी पर योजनाबद्ध ढंग से काम जारी है।
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