loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
51
एनडीए
29
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
222
एमवीए
54
अन्य
12

चुनाव में दिग्गज

चंपाई सोरेन
बीजेपी - सरायकेला

आगे

पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व

आगे

पुलिसराजः यूपी में प्रदर्शन की कवरेज करने वाले पत्रकार पर ही केस दर्ज

संसदीय चुनाव के कुछ दिनों बाद पुलिस अधीक्षक (कानपुर देहात) के कैंप कार्यालय पर एक वरिष्ठ भाजपा नेता और उनके समर्थकों के धरने की कवरेज के संबंध में एक टेलीविजन चैनल के रिपोर्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अकबरपुर पुलिस ने पत्रकार विकास धीमान पर मानहानि का आरोप भी लगाया है।

पत्रकार के खिलाफ 27 जून को सब-इंस्पेक्टर रजनीश कुमार वर्मा ने एफआईआर दर्ज की थी और अब मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

ताजा ख़बरें
पीटीआई ने इस मामले में जब फोन पर जिला पुलिस प्रमुख बीबीजीटीएस मूर्ति से बात की तो मूर्ति ने कहा कि खबर "योगी सरकार के मंत्री के पति और पूर्व सांसद की नहीं सुन रही पुलिस" शीर्षक से प्रकाशित हुई थी। इस खबर से एसपी की छवि खराब हुई। पीटीआई के मुताबिक पुलिस में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि यूपी की मंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी, एसपी कानपुर देहात से मिलना चाहते थे। लेकिन अधिकारी ने मिलने से मना कर दिया। इस पर पूर्व सांसद एसपी के शिविर कार्यालय में धरने पर बैठ गए। 
इस मामले में दिलचस्प घटनाक्रम भी हुआ। भाजपा के पूर्व सांसद जब धरने पर बैठ गए तो एसपी अपने कमरे से बाहर गए और भाजपा नेता को अंदर ले गए और उनके साथ चाय नाश्ता किया।

पत्रकार विकास धीमान ने पीटीआई को बताया कि उन्होंने अपना आधिकारिक कर्तव्य निभाया है क्योंकि विरोध को कवर करना एक मीडिया जिम्मेदारी थी, अपराध नहीं। उन्होंने कहा कि कवरेज के संबंध में एफआईआर दर्ज करने की पुलिस की कार्रवाई मीडिया को "डराने" की कोशिश का हिस्सा है। इस मुद्दे को कानपुर के पत्रकारों ने उठाया, तब सभी को इसका पता चला। 

उत्तर प्रदेश से और खबरें
यूपी पुलिस इस समय काफी आलोचनाओं का सामना कर रही है। हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ मचने और 121 लोगों की मौत में पुलिस की लापरवाही भी सामने आ रही है। कार्यक्रम स्थल पर पुलिस का पर्याप्त इंतजाम ही नहीं थी। भोले बाबा के लिए पुलिस ने 80 लोगों की भीड़ का इंतजाम किया था। लेकिन वहां ढाई लाख लोग पहुंच गए। इस घटना के आरोपियों में भोले बाबा को पुलिस ने शामिल नहीं किया लेकिन उसके खिलाफ छापे जरूर मारे। पुलिस अधिकारी उसका नाम तक लेने से डर रहे हैं।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें