बीजेपी के मिशन 2022 के साथ ही यूपी में विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल लगभग बज चुका है। कोरोना महाआपदा में सरकारी बदइंतजामी और मौतों की भयावहता के कारण बीजेपी सरकार की तीखी आलोचना हो रही है। लेकिन इससे बेपरवाह बीजेपी और संघ चुनाव के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं।
यूपी में खलबली है, योगी के ख़िलाफ़ ग़ुस्सा है, विपक्ष कहाँ है?
- उत्तर प्रदेश
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- 29 May, 2021

योगी के इस रवैये और आपदा में बदइंतजामी से हुए डैमेज को कंट्रोल करने के लिए बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व यूपी सरकार में फेरबदल करने जा रहा है। इस बीच यूपी में विपक्ष की भूमिका को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। एसपी, कांग्रेस और बीएसपी जैसी दिग्गज पार्टियों और दस छोटे छोटे दलों के गठबंधन वाले भागीदारी संकल्प मोर्चा की उपस्थिति के बावजूद यूपी में विपक्ष को कमजोर बताया जा रहा है।
यूपी में प्रशासनिक असफलता और सरकारी बदइंतजामी का कारण योगी आदित्यनाथ का तानाशाहीपूर्ण रवैया है। गोरखपुर मठ के महंत यूपी के प्रशासन को भी मठाधीशी अंदाज में चलाते हैं। उन्होंने 4 साल में ना तो अपनी पार्टी के नेताओं और विधायकों को खास तवज्जो दी और ना ही जनता के सरोकारों को।
योगी पहले मुख्यमंत्री हैं जिनके खिलाफ सत्तादल के 100 से अधिक विधायक विधानसभा में धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं।
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।