जिस यूपी में एक के बाद एक कभी एक्सप्रेसवे तो कभी हाइवे की सड़कों के धँसने की ख़बरें आ रही हैं वहाँ की सड़कों को अमेरिका से भी बेहतर बनाने का दावा किया गया है। यह दावा केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उनका कहना है कि 2024 से पहले ही यानी सवा साल में ही सड़कों को चमका दिया जाएगा। 2024 वह साल है जब आम चुनाव होने वाले हैं। तो क्या इन वादों का आम चुनाव से लेना देना है या फिर सच में कोई ऐसी योजना है? आख़िर सड़कों को अमेरिका से बेहतर कैसे बनाया जाएगा और कैसे नयी-नयी बनी सड़कों के धँसने जैसी घटनाओं को रोका जाएगा?
नितिन गडकरी ने उत्तर प्रदेश की सड़कों को अमेरिका से भी बेहतर बनाने का दावा तब किया जब शुक्रवार को वह उत्तर प्रदेश में 8,000 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन कर रहे थे। भारतीय सड़क कांग्रेस के 81वें सत्र में बतौर मुख्य अतिथि पहुँचे केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में इस पैकेज की घोषणा की।
गडकरी ने कहा, '2024 से पहले उत्तर प्रदेश की सड़कों को अमेरिका से बेहतर बनाना है। इसके लिए मोदी सरकार आने वाले दिनों में यूपी के लिए पांच लाख करोड़ रुपए मंजूर करने जा रही है।' गडकरी ने कहा कि वर्तमान में आठ हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट आज दिए जा रहे हैं।
उन्होंने जिस 8 हज़ार करोड़ की परियोजना घोषित की है उनमें प्रमुख परियोजनाएँ हैं-
- 1000 करोड़ रुपये 13 रेल ओवरब्रिज के लिए
- 1708 करोड़ रुपये गाजीपुर ज़िले में एक खंड के फोर लेन हाइवे निर्माण के लिए
- 1212.26 करोड़ रुपये शाहाबाद-हरदोई बाईपास, मौजूदा सड़क के चार लेन में सुधार के लिए
- 2007 करोड़ रुपये मुरादाबाद-ठाकुरद्वारा-काशीपुर हाइवे के लिए
गडकरी ने कहा है कि अच्छी सड़कों के निर्माण के लिए सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि अभी तो शुरुआत है, अभी पूरी फिल्म आना बाकी है।
गडकरी की इस घोषणा से एक दिन पहले ही उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल एक्सप्रेसवे सड़क धंसने से सुर्खियों में रहा और इसके लिए सोशल मीडिया पर सरकार को जमकर कोसा गया है। लोगों ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उन वादों को याद दिलाना शुरू किया जिनमें उन्होंने कहा था कि राज्य की सड़कों को गड्ढामुक्त बनाया जाएगा।
दरअसल, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर हलियापुर के पास सड़क का एक हिस्सा धंस गया। वहां एक बड़ा गड्ढा बन गया और उसमें कई गाड़ियां गिर गईं। कुछ लोग मामूली जख्मी हुए हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे को लेकर राज्य सरकार के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ। इस एक्सप्रेसवे को बने हुए अभी एक साल भी नहीं हुआ है। पिछले साल 21 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था।
जुलाई महीने में बारिश की वजह से नए बने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का कुछ हिस्सा धंस गया था। इसको लेकर भी सोशल मीडिया पर सरकार की खूब किरकिरी हुई थी। बीजेपी सांसद ने भी उस वीडियो को ट्वीट किया था और सवाल उठाए थे।
15 हजार करोड़ की लागत से बना एक्सप्रेसवे अगर बरसात के 5 दिन भी ना झेल सके तो उसकी गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्न खड़े होते हैं।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) July 21, 2022
इस प्रोजेक्ट के मुखिया, सम्बंधित इंजीनियर और जिम्मेदार कंपनियों को तत्काल तलब कर उनपर कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करनी होगी।#BundelkhandExpressway pic.twitter.com/krD6G07XPo
16 जुलाई को इसका उद्घाटन हुआ था और पाँच दिन में ही सोशल मीडिया पर हाईवे के टूटने की तसवीरें आने लगीं। सरकारी अफसरों ने एक्सप्रेसवे को पूरी गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में पूरा करने का दावा किया था।
ऐसी रिपोर्टों से सवाल तो उठता ही है कि नयी सड़कों के धंसने के बीच सवा साल में अमेरिका से बेहतर कैसे सड़कें बना दी जाएंगी।
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