उमेश पाल, जिनकी 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में हत्या कर दी गई थी, को 2005 के राजू पाल हत्याकांड में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गवाह की सूची से हटा दिया था। पेशे से वकील उमेश पाल की हत्या का आरोप कथित तौर पर जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके सहयोगियों पर है। बसपा विधायक राजूपाल की हत्या का आरोप भी इन्हीं लोगों पर है। यूपी पुलिस ने कहा था कि उमेश पाल की हत्या इसीलिए की गई क्योंकि वो राजूपाल की हत्या के अहम गवाह थे। लेकिन राजूपाल की पत्नी का कहना है कि उमेश पाल बाद में अपने बयानों से मुकर गए। इस तरह उमेश पाल की हत्या की कहानी और यह सारा मामला अजीबोगरीब हालात में पहुंच गया है। इंडियन एक्सप्रेस ने आज 15 मार्च को इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है।
रहस्यः उमेश पाल का नाम बतौर गवाह क्यों हटा, क्या कहानी कुछ और है
- उत्तर प्रदेश
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- 29 Mar, 2025
उमेश पाल की हत्या में नए खुलासे हो रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में आज 15 मार्च को कहा गया है कि सीबीआई ने राजूपाल हत्याकांड में विश्वसनीय गवाह नहीं मानते हुए उमेश पाल का नाम गवाहों की सूची से हटा दिया था। राजूपाल हत्याकांड की जांच पुलिस और सीबी-सीआईडी के बाद सीबीआई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ट्रांसफर हुई थी। राजूपाल की पत्नी और सपा विधायक पूजा पाल ने इंडियन एक्सप्रेस को काफी कुछ बताया। आप भी जानिएः
