कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाक़ों में रहस्यमयी बुखार ने आतंक मचाया हुआ है। पिछले एक हफ़्ते में इसने 68 लोगों की जान ले ली है। मरने वालों में 40 बच्चे भी हैं। इस रहस्यमयी बुखार के लक्षणों में तेज़ बुखार आना, शरीर में पानी की कमी और तेज़ी से प्लेटलेट्स का गिरना शामिल है। जबकि कुछ मामलों में डेंगू बुखार के जैसे लक्षण दिखाई दिए हैं।
इस वजह से सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं और लोगों को बिस्तरों की कमी जैसे हालात का सामना करना पड़ रहा है।
फिरोज़ाबाद ख़ासा प्रभावित
इस बुखार के अधिकतर मामले आगरा, मथुरा, मैनपुरी, एटा, कासगंज और फिरोज़ाबाद जिले से आए हैं। स्वास्थ्य महकमे के अफ़सरों ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया कि फिरोज़ाबाद बुखार के मामलों से ख़ासा प्रभावित है और पूर्वी उत्तर प्रदेश से भी बुखार के कुछ मामले आए हैं।
योगी ने किया दौरा
फिरोज़ाबाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती 135 बच्चों में से 72 अपने जीवन की अंतिम सांस के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इनमें से 50 फ़ीसदी से ज़्यादा को डेंगू के लक्षण हैं। यहां से कई मरीजों को इलाज के लिए आगरा और दूसरे शहरों में भेजा गया है। हालात इतने ख़राब हैं कि सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यहां का दौरा कर हालात का जायजा लेना पड़ा। योगी ने कहा कि अगर किसी ने लापरवाही की होगी तो उसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
प्राइवेट अस्पतालों में और ग्रामीण इलाक़ों में जिन लोगों की मौत हो रही है, उनका कोई आंकड़ा सरकार के पास नहीं है। ऐसे में मौतों का आंकड़ा निश्चित रूप से बढ़ गया होगा।
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स्वास्थ्य महकमे के अतिरिक्त निदेशक ए.के. सिंह ने कहा है कि आगरा और इसके आसपास के क्षेत्र का जो तापमान है, इसमें इस तरह की बीमारियां ज़्यादा फैलती हैं। उन्होंने कहा कि फिर भी मौतें किस वजह से हुई हैं, इसकी जांच की जा रही है।
फिरोज़ाबाद के विधायक मनीष असीजा ने कहा है कि पानी के जमाव, साफ-सफाई में कमी की वजह से बीमारी फैल रही है। बुखार के प्रकोप के कारण फिरोज़ाबाद में कक्षा छह से आठ तक के स्कूलों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है।
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