मुजफ्फरनगर ज़िले के निजी स्कूल में शिक्षिका द्वारा छात्रों से मुस्लिम छात्र की पिटाई कराए जाने के मामले में विपरीत विचारधाराओं वाले राजनीतिक दलों और संगठनों की एक राय दिखती है। बीजेपी, समाजवादी पार्टी और भारतीय किसान यूनियन यानी बीकेयू क़रीब-क़रीब एक जैसी बात करते दिखते हैं। वे इस मामले में समाज की बैठक कराने, दोनों पक्षों में आपसी रजामंदी होने और मुद्दे का समाधान निकालने की बात करते दिखते हैं। वे इसमें सांप्रदायिक ऐंगल को नकारते हैं। तो सवाल है कि आख़िर वे सब एक ही राय कैसे रखते हैं?