मुज़फ़्फ़रनगर दंगे में 60 से ज़्यादा हत्या के मामलों में आरोपी तो बरी हुए ही, गैंगरेप के किसी आरोपी को भी सज़ा नहीं हुई। गैंगरेप के 4 मामलों में भी फ़ैसला उसी तरह से आया। एक के बाद एक गवाह और पुलिस अधिकारी मुकरते गए, पीड़ित खुलेआम डराए-धमकाए जाने का आरोप लगाते रहे, गैंगरेप के मामलों में मेडिकल जाँच में देरी हुई, डॉक्टरों या पुलिस की कोई ज़िरह नहीं… और ऐसे में ही सभी आरोपी बरी हो गए। दंगे करने के किसी मामले में भी किसी अभियुक्त पर दोष साबित नहीं हुआ। इन मामलों में 168 लोगों को बरी किया गया। बरी होने वाले ये सभी मामले मुसलमानों पर हमले से जुड़े हैं। जिस तरह हत्या के 10 मामले थे, उसी तरह कथित गैंगरेप के चार मामले और दंगा भड़काने के 26 मामले भी सामने आए थे। दंगे से जुड़े कुल 41 मामले दर्ज हुए थे जिसमें से 40 मामलों में सभी आरोपी बरी हो गए।