दिसंबर महीने में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस द्वारा लगाए गए हत्या के प्रयास और हिंसा का केस जब कमज़ोर पड़ने लगा तो पुलिस ने अब उन पर नये मुक़दमे लगाने शुरू कर दिए हैं। यह मामला उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रपुर का है। जब कई मामलों में पुलिस सबूत ही नहीं जुटा पाई और कोर्ट ने इन मामलों में जेल में बंद किए गए लोगों को ज़मानत पर रिहा करना शुरू किया तो पुलिस ने अब उनके ख़िलाफ़ किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 लगा दिया है। यानी पुलिस ने अब आरोप लगाए हैं कि प्रदर्शन करने वालों ने प्रदर्शन के लिए बच्चों का इस्तेमाल किया था। पुलिस की यह कार्रवाई 107 लोगों पर एफ़आईआर दर्ज करने के क़रीब एक माह बाद हुई है।