उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की गुरुवार को कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई है। जेल में तबियत बिगड़ने पर उन्हें रात 8.25 बजे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल इलाज के लिए लाया गया था। जहां 9 डॉक्टरों की टीम ने इलाज किया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका, कुछ देर बाद ही डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुख्तार अंसारी को उल्टी और बेहोशी की शिकायत के बाद अस्पताल लाया गया था। मौत के बाद अब शुक्रवार को 3 डॉक्टरों का एक पैनल शव का पोस्टमार्टम करेगा। इसके बाद शव को परिजनों को सौंप दिया जायेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्तार अंसारी के शव को गाजीपुर लाया जायेगा जहां के काली बाग कब्रिस्तान में दफनाया जायेगा।
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। मऊ और गाजीपुर में धारा 144 लागू कर दी गई है। जगह-जगह भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।
मुख्तार अंसारी की इससे पहले मंगलवार को भी तबियत बिगड़ी थी, लेकिन अस्पताल में इलाज के बाद तबियत में सुधार आया था। तबियत ठीक होने के बाद उन्हें वापस जेल भेज दिया गया था।
बीते दिनों मुख्तार अंसारी के भाई और सांसद अफजाल अंसारी ने दावा किया था कि उसे जेल में धीमा जहर देकर मारने की कोशिश की जा रही है।
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2 वर्ष में 8 मामलों में हुई थी सजा
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।पिछले दो वर्षों में आठ मामलों में दोषी ठहराए गए 63 वर्षीय अंसारी बांदा जेल में बंद थे। पूर्वी यूपी के मऊ विधानसभा क्षेत्र से पांच बार के विधायक रहे, मुख्तार अंसारी एक हिस्ट्रीशीटर थे और उनके खिलाफ यूपी और दिल्ली के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में कुल 65 मामले दर्ज थे।
रिपोर्ट कहती है कि बांदा मेडिकल कॉलेज, जहां अंसारी को ले जाया गया था, द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि उन्होंने उल्टी की शिकायत की और रात 8.25 बजे बेहोश हो गए।
मेडिकल कॉलेज ने कहा है कि इसके बाद नौ डॉक्टरों की एक टीम ने तत्काल उनका इलाज किया लेकिन सारे प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और कार्डियक अरेस्ट के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
उनकी मृत्यु के बाद, बांदा मेडिकल कॉलेज में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात कर दी गई और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य भर में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। ग़ाज़ीपुर के मोहम्मदाबाद में उनके पैतृक घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। यहां उनकी मौत की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में लोग लोग इकट्ठा होने लगे थे।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि मंगलवार की सुबह पेट दर्द की शिकायत के बाद अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। उनके परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया था कि मुख्तार अंसारी ने उनसे कहा था कि उन्हें जेल में जहर दिया जा रहा है।
डॉक्टरों के यह कहने के बाद कि उनकी हालत में सुधार हो गया है, उन्हें मंगलवार शाम को जेल वापस भेज दिया गया था।
अस्पताल में उनसे मुलाकात करने वाले उनके भाई अफजाल अंसारी ने मंगलवार को मीडियाकर्मियों से कहा था कि , “मेडिकल कॉलेज ने एक टीम बनाई है और इलाज जारी है। वह आईसीयू में हैं और मैं उनसे पांच मिनट के लिए मिला। वह होश में हैं। उसने मुझे बताया कि उसे खाने में कोई जहरीला पदार्थ दिया गया है,और ऐसा दूसरी बार हुआ है। 40 दिन पहले भी ऐसा हुआ था, ऐसे में कम से कम उन्हें अस्पताल तो भेजा गया। मैं इसके लिए आभारी हूं।
अफ़ज़ाल अंसारी ग़ाज़ीपुर से मौजूदा सांसद हैं, जो 2019 में बसपा के चुनाव चिह्न पर चुने गए थे। आगामी लोकसभा चुनाव में वह गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे।
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बीते 13 मार्च को मिली थी उम्रकैद की सजा
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्तार अंसारी को हाल में बीते 13 मार्च को भी एक मामले में सजा सुनाई गई थी। उन्हें 1990 में हथियार लाइसेंस प्राप्त करने के लिए जाली दस्तावेजों के उपयोग से संबंधित एक मामले में वाराणसी एमपी/एमएलए अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।यह आठवां मामला था जिसमें पिछले दो वर्षों में यूपी की अदालत ने मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराया और सजा सुनाई थी। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में, मुख्तार अंसारी को वाराणसी में एक व्यवसायी को जान से मारने की धमकी देने के 26 साल पुराने मामले में पांच साल-छह महीने जेल की सजा सुनाई गई थी।
10 अक्टूबर, 2023 को उन्हें ग़ाज़ीपुर में 2010 में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में 10 साल जेल की सज़ा सुनाई गई थी। 5 जून, 2023 को उन्हें 1991 में वाराणसी में हत्या और दंगे के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। 29 अप्रैल, 2023 को उन्हें 2005 में तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के संबंध में गैंगस्टर एक्ट मामले में 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
15 दिसंबर, 2022 को, मुख्तार अंसारी को ग़ाज़ीपुर में दर्ज 1996 के गैंगस्टर एक्ट मामले में 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।23 सितंबर, 2022 को, मुख्तार अंसारी को 1999 में लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज गैंगस्टर एक्ट मामले में पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
21 सितंबर, 2022 को, मुख्तार अंसारी को 2003 के एक मामले में सात साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।मुख्तार अंसारी को अप्रैल 2021 में पंजाब की रोपड़ जेल से बांदा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। वह जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 तक दो साल से अधिक समय तक रोपड़ जेल में था। मोहाली स्थित एक बिल्डर को जबरन वसूली के लिए फोन किए जाने के मामले में उसे 22 जनवरी, 2019 को ट्रांजिट रिमांड पर पंजाब लाया गया था।
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