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योगी के विज्ञापन में ममता बनर्जी के फ्लाईओवर की तसवीर से बवाल क्यों?

यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार के पूरे पेज के एक विज्ञापन में कोलकाता के एक फ्लाइओवर की तसवीर होने पर बवाल हो गया। वह विज्ञापन 'द इंडियन एक्सप्रेस' में प्रकाशित हुआ था। तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में कुछ काम नहीं हुआ है इसलिए बंगाल की तृणमूल सरकार की उपलब्धियों को चुराया जा रहा है। हाल ही में बीजेपी से तृणमूल में लौटे मुकुल रॉय ने तो सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। ट्विटर पर लोगों ने उस विज्ञापन में तसवीर को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठाए। इस विवाद से ऐसा दबाव पड़ा कि सरकार की तरफ़ से सफ़ाई आई और फिर द इंडियन एक्सप्रेस ने भी सफ़ाई जारी की।

यह सफ़ाई जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर मामला क्या है। कुछ महीने बाद यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार अपनी 'उपलब्धियों' पर विज्ञापन प्रकाशित करवा रही है। इसी के तहत द इंडियन एक्सप्रेस के रविवार के अंक में एडवरटोरियल यानी विज्ञापन छपा। इस विज्ञापन को उत्तर प्रदेश सरकार ने जारी किया। इसमें योगी सरकार के पाँच साल के दौरान किए गए काम को गिनाया गया। इसके लिए जिस एक तसवीर को दिखाया गया उसी पर विवाद हो गया। 

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विज्ञापन के निचले हिस्से में कई तसवीरों के कोलाज में एक तसवीर कोलकाता के फ्लाईओवर की है। जो फ्लाईओवर उस तसवीर में दिखता है उसमें सड़क के किनारों को नीला-सफेद रंग से पेंट किया गया है और उस पर पीले रंग की टैक्सियाँ नज़र आ रही हैं। कई सोशल मीडिया यूजरों ने फ्लाईओवर की पहचान ममता बनर्जी की सरकार द्वारा बनाए गए फ्लाईओवर के रूप में की है।  

यह मामला तृणमूल कांग्रेस के हाथ लग गया। तृणमूल और बीजेपी के बीच लगातार तनातनी चलती ही रही है। यह तनातनी बंगाल चुनाव के दौरान और ज़्यादा थी जब बीजेपी के लिए योगी आदित्यनाथ चुनाव प्रचार करते थे और टीएमसी नेता ममता बनर्जी को निशाने पर लेते थे। अब इसी टीएमसी के नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने ट्वीट कर बीजेपी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का मजाक उड़ाया। 

बंगाल चुनाव बाद बीजेपी से तृणमूल में वापसी करने वाले वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय ने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, ' श्री नरेंद्र मोदी अपनी पार्टी का बचाव करने में इतने लाचार हैं कि सीएम बदलने के अलावा उन्हें ममता बनर्जी के नेतृत्व में विकास और बुनियादी ढाँचे की तसवीरों का सहारा लेना पड़ा है। वे उन्हें अपना बता रहे हैं।

बंगाल मॉडल बीजेपी शासित राज्यों के मॉडल से बेहतर है मिस्टर मोदी?'

अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया, "योगी आदित्यनाथ के लिए यूपी को बदलने का मतलब है ममता बनर्जी के नेतृत्व में बंगाल में देखे गए बुनियादी ढांचे की तसवीरों को चुराना और उन्हें अपने ढाँचे के रूप में इस्तेमाल करना! ऐसा लगता है कि 'डबल इंजन मॉडल' भाजपा के सबसे मज़बूत राज्य में बुरी तरह विफल हो गया है और अब यह सबके सामने है!"

जॉय नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा, 'योगी आदित्यनाथ की निगरानी में फ़ोटोशॉप से उत्तर प्रदेश को बदला जा रहा है।'

सोशल मीडिया पर ऐसी प्रतिक्रियाओं के बाद उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रतिक्रिया आई। राज्य के सूचना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने प्रकाशक अख़बार द्वारा ट्वीट की गई 'ग़लती की स्वीकारोक्ति' को रीट्वीट किया। हालाँकि इसके अलावा सरकार की ओर से और ज़्यादा प्रतिक्रिया नहीं आई है। 

इस मामले में विवाद पर 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने ट्वीट कर अपने मार्केटिंग विभाग की ग़लती की बात मानी है। इसने ट्वीट किया, 'समाचार पत्र के मार्केटिंग डिपार्टमेंट द्वारा उत्तर प्रदेश पर बनाए गए विज्ञापन के कवर कोलाज में अनजाने में एक ग़लत तसवीर शामिल कर ली गई थी। त्रुटि के लिए बेहद खेद है और अख़बार के सभी डिजिटल संस्करणों से तसवीर को हटा दिया गया है।'

विज्ञापन का यह पूरा विवाद तब आया है जब कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश में चुनाव होने हैं। लोगों को लुभाने के लिए योगी सरकार विज्ञापनों के ज़रिए पाँच साल के दौरान किए गए कामों को गिना रही है। समझा जाता है कि योगी सरकार को इस बार कई मुद्दों पर लोगों की नाराज़गी का सामना करना पड़ सकता है और इसलिए वह चुनाव से पहले प्रदेश में विकास की एक तसवीर पेश करने की कोशिश कर रही है! 

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क़मर वहीद नक़वी
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