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सब्जी विक्रेता को लोगों की मदद से ट्रैक से उठाता पुलिसकर्मी।

कानपुरः पुलिस कार्रवाई के दौरान सब्जी बेचने वाले के पैर ट्रेन से कटे

कानपुर पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। कल्याणपुर इलाके में पुलिस ने सब्जी बेचने वाले का सामान रेल ट्रैक पर फेंक दिया। जब वो सामान उठाने गया तो उसके दोनों पैर लोकल ट्रेन से कट गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एक पुलिसकर्मी को सस्पेंड करके मामले की लापीपोती कर दी गई है।

स्थानीय लोगों ने मीडिया के सामने आरोप लगाया कि लोकल पुलिस हर सब्जी बेचने वाले से रोजाना 50 रुपये वसूलती है। इसके बावजूद सब्जी बेचने वालों को भगा दिया जाता है। एडिशनल डीसीपी (वेस्ट) लखन यादव ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि ट्रैफिक के लिए क्षेत्र को साफ करना एक नियमित अभ्यास का हिस्सा है।

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डीसीपी लखन यादव ने कहा, इरफान उर्फ लड्डू रेलवे ट्रैक के पास सब्जी बेच रहा था। पुलिस के आने पर वह जल्दी से खाली करने के लिए दौड़ा तो उसका तराजू पटरियों पर गिर गया। उसे उठाने के चक्कर में उसके दोनों पैर ट्रेन के नीचे आ गया। इरफान को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और इलाज चल रहा है।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, जीटी रोड पर सब्जी बेच रहे रेहड़ी-पटरी दुकानदारों का इंदिरा नगर थाना प्रभारी शादाब खान और हेड कांस्टेबल राकेश ने दौड़ाया। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि पुलिसकर्मियों ने उनके तराजू, तौल और सब्जियों को रेलवे ट्रैक की ओर फेंक दिया। इरफान अपना सामान रेल ट्रैक से उठाने गए थे। इसी दौरान वहां से मेमू लोकल ट्रेन गुजर रही थी। इरफान के दोनों पैर ट्रेन की चपेट में आ गए। इरफान वहां काफी देर पड़े रहे। दोनों पुलिसकर्मी घायल को देखे बिना चले गए। जब कंट्रोल को पब्लिक ने सूचना दी तो बाकी अधिकारी पहुंचे और इरफान को ट्रैक के पास से उठाया गया। पुलिस ने ही इरफान को एलएलआर अस्पताल पहुंचाया। इस मामले में एक पुलिसकर्मी को सस्पेंड करके मामले को रफा-दफा कर दिया गया।
ऑटोरिक्शा चलाने वाले इरफान के पिता सलीम अहमद ने कहा कि उनके बेटे के दोनों पैर मौके पर ही कट गए थे। अभी वो सिर्फ 20 साल का है। अगर पुलिस इलाके को खाली कराना चाहती है तो उनका तरीका थोड़ा सभ्य तो हो ही सकता है। हम गरीब लोग पुलिस वालों का क्या बिगाड़ लेंगे। रोजगार है नहीं। सब्जी बेचकर इरफान घर का गुजारा चला रहा था। अब वो अपने पैर से भी हाथ धो बैठा।
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क़मर वहीद नक़वी
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