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कानपुर: गैंगरेप के बाद पेड़ से झुलते मिले दो नाबालिग लड़कियों के शव

यूपी के कानपुर में शर्मशार करने वाली एक घटना घटी है। कुछ दिनों पहले दो नाबालिग लड़कियों का सामुहिक बलात्कार हुआ था। अब दोनों के शव पेड़ से लटके मिले हैं। पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया है कि लड़कियों के साथ पहले गैंगरेप किया गया और फिर ब्लैकमेल किया गया। इस घटना पर बवाल होने पर तीन आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

दोनों नाबालिग के शव कानपुर के घाटमपुर इलाके में ईंट भट्टे के पास एक पेड़ से लटके थे। वहीं वे काम कर रही थीं। कथित तौर पर उन्हें शराब पीने के लिए मजबूर किया गया और फिर एक स्थानीय ठेकेदार के 18 वर्षीय बेटे और 19 वर्षीय भतीजे ने उनका यौन उत्पीड़न किया। गैंगरेप का आरोप इन दोनों सहित कुल तीन लोगों पर लगा है। 

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लड़कियों को आखिरी बार बुधवार शाम को देखा गया था और जब वे रात में घर नहीं पहुंचीं तो परिवार के सदस्यों ने उनकी तलाश शुरू की। शव एक ईंट भट्टे के पास बेर के पेड़ से लटके हुए पाए गए।

भट्ठा मालिक रामरूप निषाद (48), उनके बेटे राजू (18) और भतीजे संजय (19) सहित तीन आरोपियों ने कथित तौर पर लड़कियों का वीडियो बनाया और वे उन्हें धमकी दे रहे थे। अतिरिक्त सीपी (कानून एवं व्यवस्था) हरीश चंद्र ने पीटीआई से कहा कि ब्लैकमेलिंग के कारण लड़कियों ने यह कदम उठाया होगा। 

उन्होंने कहा कि तीनों आरोपियों के मोबाइल फोन पर दो नाबालिगों की तस्वीरें मिली हैं और उन्हें फोरेंसिक के लिए भेजा गया है। चंद्रा ने कहा, 'गिरफ्तार किए गए तीनों लोग मृतक लड़कियों के दूर के रिश्तेदार हैं। बताया गया है कि लड़कियों को पीटा गया और उनका यौन उत्पीड़न किया गया।' 
पुलिस ने कहा है कि आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376डी यानी सामूहिक बलात्कार, 306 यानी आत्महत्या के लिए उकसाना और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण यानी पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

परिजनों ने पुलिस को बताया है कि लड़कियों को पहले शराब पिलाई गई और फिर उनके साथ बलात्कार किया गया। कथित तौर पर आरोपियों ने हमले का एक वीडियो भी बनाया और इसका इस्तेमाल लड़कियों को ब्लैकमेल करने के लिए किया। उनके परिवारों ने पुलिस को यह बताया है। 

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आंबेडकर बोर्ड विवाद पर गोली लगने से दलित की मौत

रामपुर में आंबेडकर के बोर्ड को हटाने को लेकर हुए बवाल में एक दलित छात्र की गोली लगने से मौत के मामले ने भी तूल पकड़ लिया है। मिलक थाने के सिलाई बड़ा गांव में मंगलवार शाम आंबेडकर का बोर्ड हटाने को लेकर बवाल हो गया था। फायरिंग के दौरान एक छात्र की मृत्यु हो गई थी और दो युवक घायल हो गए थे। इसके विरोध में भीड़ ने जमकर हंगामा किया।

भीड़ छात्र का शव पुलिस को नहीं उठाने दे रही थी। रात 12 बजे के बाद पुलिस ने शव गांव से निकाला और रात में ही पोस्टमार्टम कराया। उनके लोगों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि पहले आंबेडकर की प्रतिमा और छात्र की मूर्ति लगवाई जाए। बाद में आरोप लगाया गया कि छात्र के शव का जबरन अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसके बाद से दलितों में ग़ुस्सा है। क्षेत्र में पुलिस बल तैनात किया गया है।

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क़मर वहीद नक़वी
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