राम मंदिर की नींव की पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल दलित समुदाय से हैं। वह फ़िलहाल श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। वह मंदिर निर्माण को सामाजिक समरसता की मिसाल मानते हैं। मंदिर के पवित्र कार्यों में प्रमुखता से भागीदारी दिए जाने पर वह बेहद खुश हैं। कामेश्वर चौपाल से हमने यूपी में शूद्रों को मुद्दा बनाकर चल रही राजनीति पर बात की।
वोट बैंक के चलते शूद्र राजनीति: शालिग्राम शिला लाने वाले कामेश्वर चौपाल
- उत्तर प्रदेश
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- 4 Feb, 2023

रामचरित मानस की एक चौपाई को लेकर विवाद छिड़ा है और इसके बाद शूद्र का मुद्दा उठा है। जानिए, राम मंदिर नींव की पहली ईंट रखने वाले दलित समुदाय के कामेश्वर चौपाल क्या कहते हैं।
सवाल -क्या कहेंगे आप यूपी की शूद्रों पर चल रही राजनीति पर?
कामेश्वर चौपाल- राम चरित मानस जैसे पवित्र ग्रंथ को जलाने व प्रतिबंधित करने के कृत्य को लेकर संतों का विरोध हो रहा है। जाहिर है जो समाज राम चरित मानस को पूजता है, राम चरित मानस पर पाठ करता है। बिना इसके गूढ़ तत्व को समझे इस पर राजनीतिक टिप्पणी संवेदनशील मुद्दे को विस्फोटक बनाना है। आम जन का इस पर विरोध से बीजेपी को ही लाभ मिलेगा।