उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले के एक गांव में मंत्री से सवाल पूछने वाले एक पत्रकार की गिरफ्तारी पर सोशल मीडिया पर लोग रोष जता रहे हैं। सोशल मीडिया यूज़र पूछ रहे हैं कि क्या मंत्री से सवाल पूछना गुनाह है? पत्रकार को हथकड़ी और रस्सी से बंधे होने पर पूछा जा रहा है कि क्या वह कोई गुंडा, बलात्कारी हैं कि इस तरह पेश आया जा रहा है? कोई इसे लोकतंत्र पर तो कोई इसे लोकतंत्र के चौथे खंभे पर हमला बता रहा है।
विपक्षी दल ने भी इस मामले को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेट ने कहा, 'यूपी के संभल में पत्रकार संजय राणा ने मंत्री गुलाब देवी से तीखे सवाल पूछे, जवाब में पहले एफ़आईआर, फिर गिरफ्तारी हो गई।'
यूपी के संभल में पत्रकार संजय राणा ने मंत्री गुलाब देवी से तीखे सवाल पूछे, जवाब में पहले FIR फिर गिरफ्तारी हो गई.
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) March 13, 2023
जिस किसी को श्री राहुल गांधी के लोकतंत्र के कमज़ोर होने वाले वक्तव्य पर आपत्ति है - पढ़िए यह खबरpic.twitter.com/jsnkH6zWle
दरअसल, यह मामला यूपी के संभल का 11 मार्च का बताया जा रहा है। ज़िले के एक गांव में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र) गुलाब देवी पहुँची थीं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कार्यक्रम में स्थानीय पत्रकार संजय राणा ने माइक पकड़े हुए सवाल पूछ लिया, 'बुद्धनगर में एक भी बारातघर नहीं है। न ही यहां पर सरकारी शौचालय है। आपने कहा था कि मंदिर से लेकर इस रोड को पक्का कराऊंगी। अभी तक ये रास्ता ऐसा है कि बाइक क्या, पैदल वाले लोग भी परेशान हैं। आपने कहा था कि देवी मां के मंदिर की बाउंड्री कराऊंगी, आपने अभी तक कोई सुनवाई नहीं की। गांववालों ने बहुत प्रेशर दिया, आपके कार्यालय भी गए, पर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। आप इसके बारे में क्या कहेंगी?'
इस सवाल पर मंत्री के बोलने से पहले उनकी ओर से एक महिला बोल उठती हैं। वह महिला पत्रकार से कहती हैं कि आपने कोई समस्या नहीं बताई। गांव वाले भी पत्रकार की बातों से सहमति जताते हैं कि गांव में ये समस्याएँ हैं और इस पर कोई काम नहीं हुआ है।
स्थानीय बीजेपी नेता ने मंत्री के कार्यक्रम के दौरान सरकारी काम में हस्तक्षेप और शांति भंग करने का मामला पुलिस में दर्ज कराया। शिकायत के बाद पुलिस ने पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया था। पत्रकार को अदालत में पेश किए जाने के बाद मंगलवार को जमानत दे दी गई।
पत्रकार संजय राणा को जेल भेजना लोकतंत्र पर हमला है!
— Sadaf Afreen صدف (@s_afreen7) March 14, 2023
मंत्री गुलाबो देवी से 4 सवाल क्या पूछ लिया पत्रकार को जेल भेज दिया गया!
जरूरी नही की देश के सारे पत्रकार नोएडा में बैठे पत्रकार जैसे बिके हुए हो!
कुछ संजय जैसे ईमानदार भी है!#StandWithSanjayRana pic.twitter.com/7NNNcZEAot
एक यूज़र ने पत्रकार द्वारा सवाल पूछे जाने के वीडियो और एफ़आईआर की प्रति को ट्वीट करते हुए कहा है कि इस पत्रकार ने मंत्री से सवाल पूछने की हिमाकत कर दी थी...।
BJP की राज्य मंत्री गुलाबो देवी से सवाल पूछने पर पत्रकार के खिलाफ FIR और अरेस्ट...।
— Dilip Singh (@dileepsinghlive) March 13, 2023
जिला संभल के ग्राउंड रिपोर्टर संजय राणा ने "विकास" पर राज्यमंत्री गुलाबो देवी से सवाल पूछने की हिमाकत कर दी थी...।
गजब की गुंडागर्दी है...। pic.twitter.com/T5NxUnYZix
जिन हाथों को हथकड़ी और रस्सी से बांधा गया है वह कोई गुंडा,बलात्कारी नही बल्कि संभल जिले का पत्रकार संजय राणा है,इसने यूपी सरकार की मंत्री गुलाबो देवी से विकास ना कराये जाने पर सवाल किये थे पुलिस ने BJP कार्यकर्ता की शिकायत पर गिरफ्तार कर लिया,लोकतंत्र?pic.twitter.com/SmMbS7Cdy8
— Zakir Ali Tyagi (@ZakirAliTyagi) March 13, 2023
सही मायने में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला इसे कहेंगे।
— Prabhakar Kr Mishra (@PMishra_Journo) March 14, 2023
संभल में यूपी सरकार की मंत्री गुलाब देवी से संजय राणा नाम के इस पत्रकार ने सवाल पूछकर कोई गुनाह नहीं किया कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया!
इस गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली में भी आवाज़ उठनी चाहिए। #StandWithSanjayRana pic.twitter.com/pdyK1n1R7n
यूपी के संभल में देशद्रोही पत्रकार संजय राणा ने यूपी सरकार की मंत्री गुलाब देवी से तीखे सवाल करने का गुनाह किया.
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) March 13, 2023
पत्रकार पर FIR हो गई है, गिरफ्तार कर लिया गया.
बहुत ही सराहनीय कदम... कम से कम फांसी होनी चाहिए. pic.twitter.com/Hqj2XY56TL
इस मामले में शुभम राघव नाम के एक बीजेपी कार्यकर्ता की शिकायत पर संजय राणा के ख़िलाफ़ आईपीसी की धाराओं में एफ़आईआर दर्ज की गई। बीजेपी युवा मोर्चा के ज़िला महामंत्री शुभम राघव ने बीबीसी से कहा, 'संजय राणा ने मंत्री गुलाब देवी के कार्यक्रम में हंगामा किया था। जब मैंने उसे समझाया तो मेरे साथ अभद्रता की। उसके साथ तीन-चार शराबी और थे, जिन्होंने मेरे साथ मारपीट की। मुझे थप्पड़ मारा गया।' राघव ने आरोप लगाया, 'संजय राणा पत्रकार नहीं है, बल्कि ऐसे ही हाथ में माइक लेकर घूमता रहता है और स्थानीय ग्राम प्रधानों और ग्राम विकास सचिवों को विकास ना करने के नाम पर ब्लैकमेल करता रहता है।'
रिपोर्ट में कहा गया है कि हालाँकि पुलिस भी संजय राणा को पत्रकार नहीं मान रही है। पुलिस के मुताबिक संजय राणा ज़िले के सूचना विभाग के साथ पंजीकृत नहीं हैं। एक स्थानीय पत्रकार ने बताया कि संजय राणा एक लोकल यूट्यूब चैनल के लिए काम करते हैं और वे पिछले छह महीनों से रिपोर्टिंग कर रहे हैं।
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