देश के अन्य राज्यों के मुकाबले यूपी में बेहतर कानून व्यवस्था व अपराध नियंत्रण के दावे के अगले ही दिन बलिया जिले में एक पत्रकार की जघन्य हत्या की वारदात हो गयी। यूपी में बीते दो महीने में यह लगातार तीसरे पत्रकार की हत्या है।
बलिया जिले के फेफना कस्बे में सोमवार को सहारा समय चैनल के संवाददाता रतन सिंह को बदमाशों ने दौड़ा-दौड़ाकर लाठी-डंडों से पीटा और फिर सिर में तीन गोली मार कर हत्या कर दी। बीते जुलाई में ग़ाज़ियाबाद में बदमाशों ने अपनी भतीजियों के साथ छेड़खानी का विरोध करने पर पत्रकार विक्रम जोशी और उन्नाव में भू-माफियाओं के ख़िलाफ़ अभियान चलाने पर जून में पत्रकार शुभम तिवारी की हत्या कर दी थी।
पत्रकारों पर हमलों को लेकर रोष
कोरोना संकट के इस दौर में ही प्रदेश में दर्जनों पत्रकारों के ख़िलाफ़ विभिन्न धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया गया है। यूपी में पत्रकारों पर बढ़ रहे हमलों व हत्याओं को लेकर जबरदस्त रोष है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर प्रदेश में दो दिन में हुए सभी अपराधों का ब्यौरा जारी कर योगी सरकार पर हमला बोला है।
बलिया में पत्रकार की हत्या के तुरंत बाद पुलिस ने इसे आपसी रंजिश करार दिया। लेकिन मारे गए पत्रकार के पिता ने वीडियो बयान जारी कर इसे पुलिस की ओर से गढ़ा गया झूठ बताया है। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
थाने के बगल में हुई हत्या
बलिया के फेफना थाने से सिर्फ सौ मीटर दूर पत्रकार रतन सिंह को गोली मार दी गयी। रतन सिंह खुद को बचाने के लिए भाग रहे थे क्योंकि हमलावरों ने उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर मारा था। घटना दिन दहाड़े हुई और हमलावरों को पहचानते हुए पत्रकार ने एक कार में घुसकर खुद को बचाने का भी प्रयास किया। लेकिन पीछा कर रहे बदमाशों ने तीन गोलियां उनके सिर में मार दीं जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गयी। दो साल पहले रतन के भाई की भी हत्या की जा चुकी है। इस मामले के सभी आरोपी छह माह पूर्व ही ज़मानत पर छूट कर बाहर आए थे।
पुलिस पर लीपापोती का आरोप
यूपी के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि बलिया में पत्रकार रतन सिंह की गोली मारकर की गई हत्या के मामले में उनके साथी दिनेश सिंह शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 4 महीने पहले इन दोनों लोगों के बीच आपसी झगड़ा हुआ था और दोनों तरफ से एफ़आईआर हुई थी जिसमें से विवेचना के बाद पत्रकार का नाम हटा दिया गया था। सोमवार सुबह मामूली बात पर ही विरोधियों ने उन पर लाठी-डंडों से वार कर और गोली मारकर हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि दोनों का दीवार को लेकर लंबे सय से आपसी विवाद चला आ रहा है।
सरकारी बयान के ठीक उलट पत्रकार के पिता ने कहा कि उनके बेटे का किसी से कोई विवाद नहीं था और पुलिस इसे आपसी रंजिश का नाम देकर लीपापोती कर रही है। उनका कहना है कि उनके बेटे का तो किसी से कभी खेत पुआल या रास्ते तक का विवाद नहीं हुआ।
तीन गिरफ्तार, सरकार देगी 10 लाख
इस हत्याकांड में सोमवार देर रात को तीन अभियुक्त गिरफ्तार किए गए हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम अरविंद सिंह, दिनेश सिंह और सुनील कुमार सिंह हैं जबकि चौथा अभियुक्त मोती सिंह फरार बताया जा रहा है। इसकी तलाश चल रही है।
उधर, घटना पर दुख प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिवंगत पत्रकार के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का एलान किया है। उन्होंने पुलिस से हत्यारों के ख़िलाफ़ सख्त से सख्त कार्रवाई करने को कहा है।
प्रियंका हमलावर, लल्लू घर पहुंचे
पत्रकार रतन सिंह की हत्या पर सोमवार रात ही विरोध जताने के बाद मंगलवार सुबह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बीते दो दिनों के अपराधों का सिलसिलेवार ब्यौरा ट्वीट किया। प्रियंका ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। सरकार, सीएम और मंत्री जब खुद ही आपराधिक घटनाओं को झुठलाते हैं तो अपराधियों के मंसूबों को बल मिलता है। उन्होंने कहा कि अफसोस है कि आमजन, पुलिसकर्मी एवं पत्रकार इस जंगलराज का शिकार हो रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू रतन सिंह के घरवालों से मिलने के लिए बलिया पहुंचे।
अपनी राय बतायें