जेल से परोल पर बाहर आए बाहुबली धनंजय सिंह रविवार रात को अपनी पत्नी और बसपा प्रत्याशी श्रीकला रेड्डी सिंह के लिए जौनपुर में वोट मांग रहे थे। उसी दौरान जौनपुर के बसपा नेता श्याम सिंह यादव का मोबाइल बज उठा और लाइन पर खुद बसपा प्रमुख मायावती थीं। मायावती ने श्याम सिंह यादव से कहा कि कल यानी सोमवार 6 मई को जाकर बसपा सिंबल पर नामांकन करो। इस एक फोन ने जौनपुर का पूरा चुनावी माहौल और समीकरण ही बदल दिया। भाजपा ने जौनपुर से महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह को उतारा है। जो पूर्वांचल के ही रहने वाले हैं। भाजपा में जाने से पहले वे कांग्रेसी थे। सपा ने बाबू सिंह कुशवाहा को यहां से उतारा है।
सारे मामले में भाजपा की भूमिका क्या हैः जौनपुर में बसपा के सूत्रों का कहना है कि जिस तरह इंदौर और सूरत में हुआ, उसी योजना के तहत जौनपुर में कृपाशंकर सिंह को जिताने के लिए बसपा को मैदान से हटाने के लिए श्रीकला रेड्डी सिंह को हटाने की तैयारी थी। जेल से बाहर आने के बाद और अपनी पत्नी के लिए प्रचार कर रहे धनंजय सिंह ने भाजपा की और उसकी नीतियों की एक बार भी आलोचना नहीं की। बसपा नेताओं का कहना है कि अगर धनंजय वाकई भाजपा को हराना चाहते हैं तो अब अपनी पत्नी को निर्दलीय लड़ाकर देख लें।
मायावती ने गलती सुधारीः जौनपुर सीट पर पिछला चुनाव 2019 में श्याम सिंह यादव ने बसपा टिकट पर जीता था। लेकिन मायावती ने उनका टिकट काटकर धनंजय सिंह की पत्नी को दिया था। बहरहाल, मायावती ने गलती सुधार ली है और फिर से श्याम सिंह यादव को उतार दिया है। 2014 में इस सीट पर भाजपा जीती थी लेकिन 2019 में सपा-बसपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था। जिसमें बसपा जीती। इस बार सपा और कांग्रेस का समझौता है।
सपा प्रत्याशी की स्थिति मजबूत कैसे
जौनपुर में अब समीकरण बदल गए हैं। हालांकि इसमें बदलाव की आखिरी गुंजाइश अभी भी है। सपा प्रत्याशी बाबू सिंह कुशवाहा के पास सपा का सॉलिड यादव और मुस्लिम वोट है। खुद वो अति पिछड़े में आते ही हैं। अब बसपा ने चूंकि यादव प्रत्याशी उतारा है तो सपा के कुछ वोट कट सकते हैं लेकिन उसकी भरपाई के लिए बाबू सिंह कुशवाहा के पास कुशवाहा-मौर्य-कश्यप वोटों का भंडार है। भाजपा के कृपाशंकर की स्थिति में तभी सुधार हो सकता है जब धनंजय अपनी पत्नी को चुनाव मैदान से हटा लें। लेकिन ऐसे में उन चर्चाओं की पुष्टि हो जाएगी कि धनंजय सिंह ने भाजपा से डील की थी। शायद धनंजय अपनी राजनीति को महत्वपूर्ण बनाए रखने के लिए पत्नी को न हटाएं। अगर श्रीकला मैदान में रहती हैं तो कृपाशंकर सिंह की मुश्किल बढ़ेगी। नामांकन वापसी के बाद ही श्रीकला का स्टेटस स्पष्ट होगा।जौनपुर लोकसभा सीट की खास बातें
- जौनपुर सीट में बदलापुर, शाहगंज, जौनपुर, मल्हनी और मुंगराबादशाहपुर सहित 5 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
- 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के श्याम सिंह यादव ने 80,936 वोटों के अंतर से सीट जीती। श्याम सिंह यादव को 50.00 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 521,128 वोट मिले और उन्होंने भाजपा के कृष्ण प्रताप सिंह केपी को हराया, जिन्हें 440,192 वोट (42.25 प्रतिशत) मिले।
- 2014 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा के कृष्ण प्रताप केपी ने सीट जीती और उन्हें 36.45 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 367,149 वोट मिले। बसपा उम्मीदवार सुभाष पांडे को 220839 वोट (21.93 प्रतिशत) मिले और वह उपविजेता रहे। कृष्ण प्रताप केपी ने सुभाष पांडे को 146310 वोटों से हराया था।
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