“
‘यदि कोई दूसरा राज्य हमारे मानव संसाधन का इस्तेमाल करना चाहता है तो उन्हें बीमा और सामाजिक सुरक्षा देंगे। पर वे लोग हमारे लोगों को हमारी अनुमति के बग़ैर नहीं रख सकेंगे।’
योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
कैसे करेगी राज्य सरकार?
लेकिन इस मामले में सबसे बड़ा पेच यह है कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य से बाहर रहने वाले लाखों लोगों की निगरानी कैसे करेगी। वह कैसे यह जान पाएगी कि कौन आदमी कहाँ गया और क्या कर रहा है? लॉकडाउन खत्म होने के बाद लाखों की तादाद में लोग बाहर निकलेंगे और इतनी बड़ी तादाद में लोगों की निगरानी रखना लगभग नामुमिकन है।योगी आदित्यनाथ ने इसके साथ ही यह भी कहा कि उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि वे एक आयोग का गठन करें जो राज्य के लोगों को प्रदेश में ही रोज़गार दिलवाए।
मुमकिन है?
पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह भी नामुमकिन है क्योंकि इस स्थिति में राज्य सरकार को उन लाखों लोगों की नौकरी का इंतजाम करना होगा जो कोरोना की वजह से नौकरी छोड़ कर अपने घर लौट आएंगे।पर्यवेक्षकों का कहना है कि राज्य इस स्थिति में नहीं है कि वह लाखों लोगों के लिए रोज़गार के मौके बनाए। इसके साथ ही निजी क्षेत्र में इतना रोज़गार नहीं है और निकट भविष्य में इतनी बड़ी तादाद में नौकरी के अवसर बनने के आसार भी नहीं दिख रहे हैं।
कर्नाटक कनेक्शन?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की यह बात ऐसे समय आई है जब कुछ राज्यों में थोड़ी बहुत आर्थिक गतिविधियाँ शुरू हो गई हैं और उन्हें कामगारों की ज़रूरत है। कर्नाटक में निर्माण कार्य शुरू हो चुका है और वहां बड़ी तादाद में मज़दूरों की ज़रूरत है।पर्यवेक्षकों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ का यह बयान शायद कर्नाटक के परिप्रेक्ष्य में है और कर्नाटक सरकार को संकेत देने के लिए दिया गया है।
अपनी राय बतायें