दिल्ली के बॉर्डर्स पर चल रहे किसानों के आंदोलन में अब तक सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर जबरदस्त जनसैलाब दिखता था जबकि ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या इसके मुक़ाबले में कम थी। ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के तराई वाले इलाक़े के किसान बैठे हैं। लेकिन 28 जनवरी की रात को माहौल एकदम बदल गया।