दिल्ली के बॉर्डर्स पर चल रहे किसानों के आंदोलन में अब तक सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर जबरदस्त जनसैलाब दिखता था जबकि ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या इसके मुक़ाबले में कम थी। ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के तराई वाले इलाक़े के किसान बैठे हैं। लेकिन 28 जनवरी की रात को माहौल एकदम बदल गया।
टिकैत के भावुक होने से पश्चिमी यूपी में और मजबूत हो गया किसान आंदोलन
- उत्तर प्रदेश
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- 29 Jan, 2021
टिकैत के भावुक होने का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इतना जबरदस्त असर हुआ कि 24 घंटे से कम वक़्त में ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर मेला लग गया।

किसानों को हटाने के लिए जैसे ही उत्तर प्रदेश सरकार ने फ़ोर्स लगाई तो किसान नेता राकेश टिकैत उबल पड़े। टिकैत ने कहा कि किसानों को मारने की साज़िश हो रही है और इस दौरान उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। टिकैत के भावुक होने का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इतना जबरदस्त असर हुआ कि 24 घंटे से कम वक़्त में ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर मेला लग गया और किसानों के तेवरों को देखते हुए माना जा रहा है कि यहां भी सिंघु और टिकरी बॉर्डर की बराबर संख्या में लोग इकट्ठे हो सकते हैं।