आगरा में आवारा पशुओं से परेशान किसानों ने गाँव-गाँव में खेतों पर ऐसे फ़ेंसिंग कर दी है मानो भारत पाकिस्तान का बॉर्डर हो। कई बार फ़ेंसिंग को तोड़कर पशु फ़सलों को चट कर जा रहे हैं। कई किसान फ़ेंसिंग कराने में भी सक्षम नहीं हैं। ऐसे में वे अपनी फ़सलें बचाने के लिए हाथों में जलती हुई मशालें लेकर आवारा जानवरों के पीछे-पीछे दौड़ रहे हैं।
किसान खेती करे या फ़ेंसिंग और फिर मशाल जलाकर दौड़ता फिरे?
- उत्तर प्रदेश
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- विमल कुमार । आगरा
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- 20 Jan, 2019

विमल कुमार । आगरा
आगरा में आवारा पशुओं से परेशान किसानों ने खेतों पर ऐसे फ़ेंसिंग कर दी है मानो भारत पाकिस्तान का बॉर्डर हो। वे अपनी फ़सलें बचाने के लिए हाथों में जलती हुई मशालें लेकर आवारा जानवरों के पीछे-पीछे दौड़ रहे हैं।
किसानों का कहना है कि पलक झपकते ही आवारा जानवर पूरी की पूरी फ़सल चट कर जा रहे हैं। इसी से बचान के लिए किसानों ने कँटीले तारों की फ़ेंसिंग की है। दिन में किसानी और रात में रखवाली, आगरा के तमाम गाँवों के किसानों की यही दिनचर्या हो गयी है। आगरा के कुंडौल, शमशाबाद, फतेहाबाद, खंदौली और एत्मादपुर ब्लॉक के तमाम गाँवों में यह बड़ी समस्या है। कुंडौल के किसानों का कहना है कि पहले से ही हम परेशान हैं। खेती से मुनाफ़ा नहीं आ रहा है। अब बाजार से 80 से 90 रुपये प्रति किलो के हिसाब से कँटीले तारों को बाजार से ख़रीदकर खेत के चारों ओर फ़ेंसिंग कर रहे हैं।