कोरोना महामारी से बचने के लिए बेहद ज़रूरी टीकाकरण की रफ़्तार को बढ़ाए जाने की ज़रूरत है। केंद्र सरकार ने कहा है कि वह इस साल के अंत तक सभी का टीकाकरण कर देगी। दूसरी ओर, वैक्सीन की जबरदस्त किल्लत है और इस वजह से कई राज्यों में टीकाकरण बेहद सुस्त रफ़्तार के साथ हो रहा है। ऐसे में सरकार के इस दावे पर गंभीर सवाल उठते हैं।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया (टीओआई) की एक ख़बर के मुताबिक़, अगर उत्तर प्रदेश को इस साल दिसंबर तक शत-प्रतिशत टीकाकरण (हर शख़्स को दो डोज़) करना है तो उसे ताज़ा रफ़्तार से 9 गुना तेज़ टीकाकरण करना होगा। जबकि बिहार को 8 गुना से ज़्यादा और तमिलनाडु, झारखंड और असम को सात गुना तेज़ी से टीकाकरण करना होगा।
निश्चित रूप से यह बेहद मुश्किल लक्ष्य है और अगर यही बात पूरे देश को लेकर कहें तो टीकाकरण की यह रफ़्तार पांच गुना तेज़ होनी ज़रूरी है। टीओआई ने इसके लिए 16 जनवरी से 7 जून के बीच किए गए टीकाकरण की रफ़्तार को पैमाना बनाया है और उस हिसाब से यह आंकड़े सामने रखे हैं।
8 जून तक टीकाकरण को शुरू हुए 143 दिन हो चुके हैं और इस हिसाब से हमारे पास 207 दिन बचे हैं।
सिर्फ़ 2.5% लोगों को दो डोज़
बीते 143 दिनों में उत्तर प्रदेश में 12% से कम लोगों को कोरोना की पहली डोज़ लगी है और सिर्फ़ 2.5% लोगों को वैक्सीन की दो डोज़ लगी हैं। यानी इतने ही लोगों का टीकाकरण पूरा हो सका है। टीओआई के मुताबिक़, उत्तर प्रदेश में हर दिन 1.4 लाख डोज़ लगाई जा रही हैं और इस हिसाब से दिसंबर तक सभी व्यस्कों का टीकाकरण करने के लिए हर दिन 13.2 लाख डोज़ लगानी होंगी और यह 9 गुना बैठता है।
बिहार में भी यही हाल
इसी तरह, बिहार में अब तक 12.6% लोगों को कोरोना की वैक्सीन की पहली डोज़ लगी है जबकि सिर्फ़ 2.5% लोगों को ही इसकी दोनों डोज़ लगी हैं। टीओआई ने कहा है कि बिहार में अभी हर दिन वैक्सीन की 78 हज़ार डोज़ लगाई जा रही हैं जिसे बढ़ाकर 6.6 लाख करना होगा, तभी दिसंबर वाला लक्ष्य पूरा हो पाएगा। यानी बिहार को ताज़ा रफ़्तार के मुक़ाबले 8.4 गुना की रफ़्तार से टीकाकरण करना होगा।
टीओआई के मुताबिक़, केरल को अपने राज्य में टीकाकरण की रफ़्तार को 2.8 गुना बढ़ाना होगा जबकि महाराष्ट्र को इसे 4.5 गुना करना होगा।
केंद्र सरकार कई बार कह चुकी है कि वह दिसंबर तक वैक्सीन की 216 करोड़ डोज़ हासिल कर लेगी और देश में सभी लोगों का टीकाकरण कर लेगी लेकिन ऐसा होना आसान नहीं दिखता। उत्तर प्रदेश और बिहार जैसी बड़ी आबादी वाले राज्यों में जहां टीकाकरण की रफ़्तार को क्रमश: 9 और 8 गुना से ज़्यादा बढ़ाए जाने की ज़रूरत है, वहां पर इतने ही सरकारी अमले में कैसे इसे इतने गुना बढ़ाया जा सकेगा, यह एक बड़ा सवाल है।
देश में अब तक लगभग 24 करोड़ लोगों को टीका लगाया गया है इसमें से भी सिर्फ़ 3 फ़ीसदी लोगों को ही वैक्सीन की दोनों डोज़ लगी हैं। जबकि चीन अब तक (8 जून) 77 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगा चुका है।
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